रोटी पर "घी" और नाम के साथ "जी" लगाने से “स्वाद" और “इज्जत" दोनों बढ़ जाते हैं.....*
खुश रहो स्वस्थ रहो
सुभाष शर्मा-
“दुखी" रहना है तो, सब मे कमी खोजो,और “प्रसन्न" रहना है, तो सब मे "गुण" खोजो.!
सुभाष शर्मा-
प्रेम और मौत में यही एक समानता है
ना ये उम्र देखती है ना वक्त और ना जगह!
सुभाष शर्मा-
व्यर्थ का खर्चा जीवन की व्यवस्था को और
व्यर्थ की चर्चा मन की अवस्था को ,
ख़राब कर देती है...!!!
सुभाष शर्मा-
जहां अपनो की याद न आए
वो तन्हाई कीस काम की,
बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई कीस काम की,
बेशक अपनी मंज़िल तक जाना है,
पर जहाँ से अपने ना दीखे वो ऊंचाई कीस काम की..
सुभाष शर्मा-
जहां अपनो की याद न आए
वो तन्हाई कीस काम की,
बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई कीस काम की,
बेशक अपनी मंज़िल तक जाना है,
पर जहाँ से अपने ना दीखे वो ऊंचाई कीस काम की..
सुभाष शर्मा-
गलतियां सुधारी जा सकती हैं,
गलतफहमी भी सुधारी जा सकती हैं,
लेकिन गलत सोच कभी नही सुधारी जा सकती!
सुभाष शर्मा-
किसी को बहस से जीतने के बजाय मौन से पराजित करो....*
क्यों की जो आपके साथ बहस करने के लिये तत्पर रहता है, वह आपके मौन को कभी भी सहन नहीं कर सकता!!!!*
सुभाष शर्मा-
यदि संतुष्ट और प्रसन रहना चाहते हो तो
श्रेय लेने की इच्छा का त्याग करें!
सुभाष शर्मा
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रिश्तों में विश्वास मौजूद हैं तो मौन भी समझ आ जाएगा,
औऱ विश्वास नहीं हैं तो शब्दों से भी गलतफहमी हो जाएगी!
सुभाष शर्मा
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