Subhash Shakya   (Subhash "Sonu")
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Joined 6 July 2018


Joined 6 July 2018
9 JUL 2024 AT 10:06

इस जन्म के बाद उपर जाकर,
बाकी के 6 जन्म Cancel कर दूँगा.....

🙁☹️😢

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30 JUN 2024 AT 1:19

बहुत से अधूरे ख्वाब हैं, जिनको पूरा करना है....
बहुत सी ईच्छाऐं हैं, जिनसे मन को भरना है....
बहुत सी लालशाएं हैं, जिन्हें आशाओं में बदलना है....
पर एक ख्वाहिश ऐसी है....जो जानता हूँ कभी पूरी नहीं हो सकती....
कि काश् वो एक शख़्श जिंदगी में एक बार फिर से वापस लौट कर आ जाए.... "बस"

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25 MAR 2024 AT 13:28

इस साल फिर से वही मलाल रह जायेगा,
हाथों में तेरे नाम का गुलाल रह जायेगा....

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26 FEB 2024 AT 14:04

किसको अर्ज़ी दूँ ?
मुझे खुद से छुट्टी चाहिए.....

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15 NOV 2023 AT 10:04

थक गया हूँ करते करते याद तुझको,
अब मैं तुझको याद आना चाहता हूँ....

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4 JUL 2023 AT 16:34

स्कूल जाने की उम्र में.... जो बिजनेस करने का भूत सवार न होता....
गर मैं कामयाब हो जाता तो पढ़ाई छोड़ने का अफसोस न होता.....
मौज-मस्ती,घुमना-फिरना,वो कोचिंग क्लासेज.... इन सब अहसासों से अंजान न होता....
गर मैं कामयाब हो जाता तो पढ़ाई छोड़ने का अफसोस न होता.....
कुछ कमी है शायद मुझमें इसलिए सफल नहीं हूँ मैं,खुद के अस्तित्व पे यूँ सवाल न होता....
गर मैं कामयाब हो जाता तो पढ़ाई छोड़ने का अफसोस न होता.....
वो गाड़ियों की बातें, वो कामयाबी के किस्से.... दोस्तों की भीड़ में यूँ अकेला न होता....
गर मैं कामयाब हो जाता तो पढ़ाई छोड़ने का अफसोस न होता.....
धंधे की मंदी, वो खर्चों में तेजी....इन सब बातों से जीवन बर्बाद न होता....
गर मैं कामयाब हो जाता तो पढ़ाई छोड़ने का अफसोस न होता.....
दुनिया की रेस में पीछे रह जाना.....नाकामयाबियों से यूँ जीना दुश्वार न होता....
गर मैं कामयाब हो जाता तो पढ़ाई छोड़ने का अफसोस न होता.....
कमेटी की किस्तें,वो लोन की इंस्टॉलमेंट.... खुद ही खुद का कर्जदार न होता....
गर मैं कामयाब हो जाता तो पढ़ाई छोड़ने का अफसोस न होता.....
Subhash "Sonu"

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12 FEB 2023 AT 7:16

Tere jesa यार kahan

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30 AUG 2022 AT 14:05

सोचा बड़े दिनों बाद कुछ यार लिखूँ ✍️
कोई अनकही सी बात लिखूँ ?
या कई अनसमझे जज्बात लिखूँ....
सोचा बड़े दिनों बाद कुछ यार लिखूँ ✍️
कई बदले लोगों के घात लिखूँ ?
या कुछ अपने लोगों का साथ लिखूँ....
सोचा बड़े दिनों बाद कुछ यार लिखूँ ✍️
कुछ दिल के अहसास लिखूँ ?
या अपने बदले हुए हालात लिखूँ....
सोचा बड़े दिनों बाद कुछ यार लिखूँ ✍️
कुछ अपने दुखों का भाग लिखूँ ?
या अपनी खुशियों का सार लिखूँ.....
सोचा बड़े दिनों बाद कुछ यार लिखूँ ✍️
"सोनू" तेरे कुछ असरार लिखूँ ?
या पढ़ने वालों का आभार लिखूँ....
सोचा बड़े दिनों बाद कुछ यार लिखूँ ✍️

- Subhash (Sonu)



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28 JUN 2022 AT 22:47

हाँ मैं आज सबके सामने स्वीकारता हूँ कि मैं एक चूतिया हूँ....
नहीं समझ पा रहा मैं ये दुनियादारी.... इसलिए मैं एक चूतिया हूँ....
कर लेता हूँ सबपर इतनी जल्दी विश्वास.... इसलिए मैं एक चूतिया हूँ....
क्यों नहीं सीखी मैंने दुनिया की तरह चालाकी....इसलिए मैं एक चूतिया हूँ....
सोचता हूँ कि सारी दुनिया मेरी ही तरह है.... इसलिए मैं एक चूतिया हूँ....
हाँ मैं आज सबके सामने स्वीकारता हूँ कि मैं एक चूतिया हूँ....

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18 JUN 2022 AT 17:41

न दिन को सुकून, न रात को करार है,
न कोई तीज, न कोई त्यौहार है....
न कोई बहाना, न कोई इतवार है....
फिर भी आज छुट्टी पर हूँ,क्योंकि मुझे बुखार है....

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