SUBHASH Maheshwari   (✍️✍️SUBHASH MAHESHWARI)
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Joined 2 June 2019


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12 OCT 2022 AT 17:22

पापा !!!!
वह शख्सियत जिसे शब्दों में कैसे बयान करूं , आरजू है बस मेरी इतनी कि कुछ ऐसे काम करू ...
जिससे अपने पापा के नाम ,
इज्जत और मान को थोड़ा और विशाल करूं ....— % &

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21 JUL 2021 AT 9:18

"मिट्टी का बना मैं, बिखरने से क्यूँ डरूँ ll
जब तलक जिंदा हूँ, मरने से क्यूँ डरूँ ll
डूब कर या तैर कर किनारे पहुँचना है,
जिंदगी की नदी में उतरने से क्यूँ डरूँ ll"

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14 DEC 2020 AT 23:26

रेस चाहे गाड़ियों की हो या जिंदगी की ,
जीतते वही लोग हैं
जो सही समय पर गियर बदलते हैं ...

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30 NOV 2020 AT 0:38

बड़े ही अदब और प्रेम से लिखा है,
बहना तेरा और मेरा रिश्ता,
दूर होकर भी तू दिल में रहती है,
तेरी यादे खुशियों की लहर सी बहती है।
मेरी बहना

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30 NOV 2020 AT 0:30

मेरी बहन

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29 NOV 2020 AT 16:36

रोऐंगे तो वो एक दिन जिन्होंने मेरे
साथ गलत किया ,
मैने तो बस सब्र रखा और सब कुछ
ईश्वर पर छोड़ दिया.

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12 OCT 2020 AT 13:37

मेरे पापा कह ना सका जो कभी
आपसे सुनाना चहता हूँ वो पापा
काश की सुन पाते आप मेरी ये गुजारिश पापा,
क्यूँ नही दिया मुझे वो मौका पापा,
चहता था सहारा आपका बनूँगा पापा,
चहता था साथ आपके रहूँगा पापा,
पर क्यूँ छोड़ दिया साथ मेरा पापा,
जब नही होता रस्ता कोई सोचता हुँ काश साथ होते पापा,
बिगड़ते हुए देखा है लोगो को देखा है चिल्लाते हुए पिता को,
क्यूँ नही दिया वो मौका पापा
काश की सुन पाते आप मेरी ये गुजारिश पापा ।
चले तो गये आप पापा सोचा भी नही क्या होगा मेरा पापा,
चले तो गये आप पापा पर अपने जाने का गम दे गये पापा,
अजीब सा डर है बिन आपके पापा साथ होते तो मै भी खुश होता पापा,
अच्छा लगता जाते हम भी कही मै भी लेता सेल्फी आपके साथ पापा ।
याद है वो रात जब चले गए थे पापा
बताया तो होता जा रहा हुँ मै,
एक बार तो बोला होता ध्यान रखना अपना
तरस चुका हुँ बेटा सुने पापा,
चहता था साथ आपके रहूँगा पापा,
पर क्यूँ छोड़ दिया साथ मेरा पापा ।
जब चोट लगती है तो माँ की याद आती है
पर जब मुश्किल बढ़ती है
तो आपकी ही याद आती है,
कट रही है जिन्दगी आपके बिना
भी चल रही है सांसे आपके बिना भी,
पर आप भी होते तो क्या बात होती पापा
ख्याल तो बहुत रखते है मेरा
पर आप भी रखते तो क्या बात होती पापा,
चहता था साथ आपके रहूँगा पापा,
पर क्यूँ छोड़ दिया साथ मेरा पापा,

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4 OCT 2020 AT 22:37

आत्मसम्मान
दबाब में कोई भी रिश्ता मैं निभा नहीं सकता।
अपमान सहकर सम्मान में दिखा नहीं सकता।
आखिर कबतक संभालू नाजुक रिश्ते की डोर,
कि निज - स्वाभिमान को मैं भूला नहीं सकता।

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10 SEP 2020 AT 23:14

भाई - बीन
हर बीन रे जिंदगी मी ,
भगवान एक फरिश्तों डिनों हैं ।
उए फरिश्ते रे रिश्ते ना ,
आपा नाम भाई डिनों हैं !!
हर घर रों सुरज होएदो भाई पण ,
उए सुरज रो चांदणो होएदी बीन l
बीन रो मान होएदो भाई पण
भाई रो अभीमान होएदी बीन !!
घर में राज होएदो भाई रो पण ,
भाई रो ताज होएदी बीन ।
सजारो प्यारो होएदो भाई पण ,
भाई रो अंखियां रो तारो होएदी
बीन !!
घर मी सजोडी कुटाजि दा बिन भाई ,
पण बीन सारु आखी दुनिया सु लड़से
रो भाई ।।
ए रिश्तो होएदो टॉम एंड जैरी जेडो
पण ,
मम्मी केदी ए रिश्ता होएदो ,
अंधो सुहाए कोनी , अधे बिना सुख
आए कोनी जेड़ो !!

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3 AUG 2020 AT 12:11

रक्षा बंधन का पवित्र त्योहार सिर्फ़ कलाई में राखी बँधवा कर मिठाई खाने और बहन को कुछ रुपये देने तक सीमित न रह जाए . आज हर भाई अपनी बहनों की रक्षा करने का संकल्प ले . आज के समाज में इसकी बहुत ज़रूरत है .

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