SUBHASH KUMAR   (सुभाष_के_अल्फ़ाज़)
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14 JAN 2023 AT 11:55

तन में मस्ती और मन में उमंग होना चाहिए
जीवन में गुड़ की तरह मीठापन होना चाहिए
इस संक्रांति पर भी आप खूब खायें तिल के लड्डू
और हर दिन आकाश में आपके खुशियों का उड़ता पतंग होना चाहिए

🤍मकर संक्रांति की शुभकामनाएं🤍

◆Subhashwaani◆

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19 AUG 2022 AT 10:11

आदत नहीं है

मुझे तुमसे मिलने की इच्छा तो है
पर क्या करें?
तुमसे मिलने की इजाज़त नहीं है!!

मिलना तुमसे कोई बड़ी बात नहीं मेरे लिए..
बस एक गुज़ारिश पर मिल लूं मैं
पर क्या करें?
गुज़ारिश मेरी आदत नहीं है!!

तू भी बातों में अक्सर मुझसे मिलने का संकेत देती हो..
पर तुम चाहती हैं सिफ़ारिश मैं करूं
पर क्या करें?
सिफ़ारिश मेंरी आदत नहीं है!!

कुछ तो कमी है हम दोनों के दर्मियां..
तू भी चाहती हैं मुझे दिल से और मैं भी चाहता हूं तुझे बेइंतहां
पर क्या करें?
शायद हमारे बीच एक-दूजे के लिए इबादत नहीं है!!

ये इश्क़ है या घमंड ये मुझे पता नहीं..
सच तो बस ये है कि..
तुम मुझसे जताने से डरती हो
और मैं तुमसे बताने से डरता हूं!!

©Subhashwaani...✍🏻

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23 JAN 2022 AT 14:02

ज़िन्दगी

क्या है ये जिंदगी?

ये ज़िन्दगी कोई लिखी हुई कहानी या कोई अनसुलझी सी पहेली है क्या?? हर रोज इक नया सपना और इक नये भँवर सा रहता है। अगर पीछे मुड़कर देखूं तो वहीं पागलपंती, वहीं पुरानी बातें और वहीं अधूरी दास्ताँ दिखाई देती है।।

कोई ले चले मुझे ज़िन्दगी के किसी आख़री छोर पर जहाँ मैं कह सकूं कि:

जी ली है मैंने सारी जिंदगी,
देख लिया है मैंने सारा जहाँ,
दूर हो गया मैं सारे मोह माया से,
अंत हो गया मेरे सभी दुःखो का,
मिल गया हूँ मैं आज खुद से,
परे हो गया हूँ अब मैं सारे आकांक्षाओं से,
और खोल दी है मैंने अपनी मुट्ठी आज खुले आसमान में।।

अब यूं बयां करूं ज़िन्दगी को तो,

नहीं खत्म होता है उन यादों का सफ़र,
ना हीं ख़त्म हो रहा है वो अंधेरों का कहर,
कहीं सुनी वादियां है तो कहीं साँपो का घर,
जो बस अब पी रहा है अपना हीं जहर,
और डस रहा है किसी अपनों को हीं मग़र।।

रोज नभ में चमकता वो सूरज जो कहता है कि मैं रोज एक शिशु की भांति जन्म लिए आता हूँ और शाम होते-होते एक थके हारे की तरह आसमान की चादर लपेट सो जाता हूँ। ठीक उस नभ की तरह ज़िन्दगी भी हर नयी सुबह नये उत्साह के साथ नये इम्तिहानों के लिए तैयार होती है और हर शाम थक कर फिर से वापस नयी सुबह के इंतजार में सो जाती है।।

@सुभाष_के_अल्फ़ाज़

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5 DEC 2021 AT 20:20

Suna hai,,
Khil jaate hain fool banjer registano me,,
Dubti nhi hai koi kishti tez bhawar tufano me,,
Bss suna hai, kabhi dekha nhi,,
Uske mushkurane ka kamaal,,
Hme bhi jga do aiye mohabbat ke farishte,,
Kafi Arsa ho gya Soye Qabar ke Makaano me

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24 NOV 2021 AT 10:33

Bahut kuchh kahna Chahta hu par kahne se Dil darta hai,,

Kahi kah du to tumhara dil rooth na jaye,,
Mere Sare sapne kahi toot na Jaye,,

Lekin mere na kahne se bhi mere sapne poore thodi ho jayenge,,
Vo to yu hi dabe pade adhure hi rah jayenge,,

Sochta hun tumse Apne Dil ki hr baat bol du,,
Sare Raj Jo Dil me chhupe hain..tumhare samne khol du,,

Lekin kah du saari baat to kahi tum mujhe chhod to nhi doge,,
Mujhe thukra ke Mera dil Tod to na doge,,

Pathar jaisi ye baate tere ishq ki... mai kavi fod nhi paunga,,
Dil mt todna... mai isse jod nhi paunga,,

Toofani samander me kinara chahta hu,,
Iss tanha jeevan me tumhara Sahara chahta hu,,

Tu ek bar haa bol de... mai tera jindagi bhar intezar karu,,
Har chij ki ek hadd hoti hai "सुभाष"...Lekin mai tujhe beinteha pyar kru,,

Minnatte teri kitni bar kru,,
Tu hi bata main tujhe Kitna pyar kru......

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20 NOV 2021 AT 1:42

Ye kuchh shabd Nahin main Apne Gam likhta hu,,,,,
Tere bare mein jitna likhta hun itna kam likhta hu,,,,,

Tu mere pyar ko Na samjhi ismein Teri koi Galti Nahi hai,,,,
Aksar sacchi mohabbat iss duniya mein Kisi ko milati Nahi hai,,,,,

Tu kahe to Pani ko Jaam Kah du subah ko sham kah du,,,,,
Koi puche ki Teri mohabbat kaun hai, ijaajat ho to tere naam Kar du,,,,,

Ye to sirf do-char mohabbat ki baate Hain main to apni jindagi tere naam likh du,,,,,

Jab bhi Hoti hai mohabbat ki baten Tera naam jarur aata hai,,,,,
Tere naam sunane ke bad Dil ko chain Kaha ata hai,,,,,

Tu to so jaati hogi apni mat-maili Chadar odh kar,,,,,
Lekin mera dil mujhe yad kiye Bina Nahin so pata hai,,,,,

Mujhe aaj bhi yad hai Tu Sa ko Fa bolati thi,,,,,
Har EK jawab ko bar bar tatolti thi,,,,

Vo najara bhi kya najara hota tha,,,,,
Teri nazren tirchi hokar Charo or dolti thi,,,,,

Kitna tadpayegi ab Saha Nahin jaata,,,,,
Abhi jaa ab tere Bina Raha Nahin jata.....
Tere Bina Raha Nahin jata....

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10 NOV 2021 AT 20:38

दिल में जगा कर दर्द ऐसे जाया ना करो,
तुमको नहीं है अगर प्यार मुझसे तो,
आँखों में आँखे डालकर कह दो मेरे,
पर झूठ में मेरे सामने नज़रें झुकाया ना करो।

तुम मुझसे प्यार भी नहीं करती,
पर पूरे मोहल्ले में बदनाम हूँ तेरे नाम से,
हर रोज बेमतलब में तुम,
मुझे देखकर छत से मुस्कुराया ना करो।

हर बार मुँह से अपने सिट्टी बजाकर,
मुझे बुलाया ना करो,
जब नहीं करना है मोहब्बत मुझसे तो,
प्यार भरी बातें करके मुझे यूँ बहकाया ना करो।

लाख करता हूँ कोशिशें तुम्हें भूला जाने की,
पर मैं तुम्हें भूल पाता नहीं हूँ,
अब तुम ही मुझे भूल जाओ,
हर बार यादों में आकर मुझे सताया ना करो।।

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8 NOV 2021 AT 18:45

For my true love {my mom}

लगता था मुझे,कि जिंदगी खत्म है उसके बिना,
पर फिर दिल से एक आवाज आती है कि मेरी जिंदगी पर सिर्फ मेरा ही तो हक नही;
जिसकी मैं जिंदगी हूँ उनसे कैसे कह दूँ कि टूट गया हूँ मैं!!
फिर मुस्कुराना सिखा है मेने उनको देख देख के .....।।।

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5 OCT 2021 AT 14:30

अब तो साल भी गुज़र गया और तेरी दीद नहीं हुई,
या फिर ये कहें की कई महीनो से मेरी ईद नहीं हुई,,

फ़क़त ज़ख़्म ही तो मिले इस दिल को मेरे यहां पर,
इस गम-ए-दिल की तो मेरे यहां कोई ताईद नहीं हुई,,

बिछड़े जो हम थे तो दर्द भी बहुत तेज हुआ हमे,
उसके बाद तो फिर कोई दर्द हमे शादीद नहीं हुई,,

तुम जो गई तो मोहब्बत पर से भरोसा भी चला गया,
फिर किसी की चाहत कि हाजत हमे मज़ीद नहीं हुई,,

कॉलेज खुल गया पर कब जाना हो ये पता नहीं हमे,
मुलाकात की भी तुमसे अभी कोई उम्मीद नहीं हुई,,

रिश्ते जो बिगड़े हमारे तो आगे बिगड़ते ही चले गए,
पुराने रिश्ते की तो मेरी यहां कोई तजदीद नही हुई,,

इश्क जो कि तुमसे तो बदनामी भी होनी चाहिए मेरी,
क्या बात है अभी तक किसी से मेरी तन्क़ीद नहीं हुई,,

दिल जो तुमको दिया वो तो कोड़ा ही रह गया मेरा,
पर इस बीके हुए दिल की फिर कभी खरीद नही हुई,,

.......Subhash_ke_dil_ki_aawaz🖊️🖊️

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26 SEP 2021 AT 22:43

"साथ देने की क्या बात करते हो ज़नाब,
हमने तो साथ छोड़ने में भी उनका साथ दिया ।।"

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