रूठना तो है पर रूठ के जाए किधर,
हर महफिल में तेरा ज़िक्र, हम उठ के जाए किधर
हुए जो खफा तो बदस्तूर ही होगा कुछ,
सूखे शाख के पत्ते है, टूट के जाए किधर।-
Puch liya karte wo meri khariyat har dafa
Kabhi thik karne ka koi wada na kiya
Jakham dena to seekh liya tha usne
Par marham lagane ka koi irada na kiya-
Someone : Tum bhi kuch kaho apne bare me...
Me:
झूठ कहते है की इश्क बिछड़ा नही करते
गुजरे वक्त है जो,फिर गुजरा नही करते
कुछ बाते भी दबी है,कुछ मै भी खामोश हूं
अब क्या बताए हम,गड़े मुर्दे उखड़ा नही करते।-
होने दो जब तक हुआ नही,
मेरे लिए तो कहीं खुदा नहीं,
क्या करू मैं मेरी खुशी का,
तेरे सजदे में जब मेरी दुआ नही।-
अगर वो पूछ ले हमसे,तुम्हे किस बात का गम है,
तो फिर किस बात का गम है,अगर वो पूछ ले हमसे-
कुछ छुपा सा है,जो मुझसे रुकसत न हुई
कुछ तो दबाया है तुमने इन सांसों में।-
Yaad chahe Na kar,tu mujhe gam nahi
Ha magar bhul jane ki,kosis na kar
Ik bahana hai ye ,ye haqiikat nahi
Tu bahane banane ki,kosis na kar-