हर चीज समझता हूं मैं मगर फिर भी ,
न मिलने वाली चीज के लिए तरसता हूं मैं ।।-
Subhash Chaudhary
(It's SUBHASH)
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Joined 9 March 2022
5 JUN 2022 AT 12:04
24 MAY 2022 AT 11:45
Once my Mom told me ,
Sabra karo jiske tum kaabil hoge
Zindgi har cheej degi tumhe
And I felt that .
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19 MAY 2022 AT 13:24
सुना हैं ,
एक तरफ़ा मोह्हबत सुकून की गलियों से गुजरता हैं
तो क्यों न इसी गलियों का मुसाफ़िर बना जाय ।।-
15 MAY 2022 AT 9:42
दवा नही पीते थे
बचपन में कड़वी ,
बड़े क्या हुए , इश्क़ में
शराब पीने लगे ।।-
7 MAY 2022 AT 19:25
उनको हमसे आजादी चाहिए था ,
वो गैंरों से मांग बैठे और
उनकी याद में हम ठेके में जा बैठे ।।-
5 MAY 2022 AT 22:22
हवस भी जालमी हैं प्यारे ,
वरना तेरी सादगी को वो कमजोरी समझ बैठेगी ।।-
4 MAY 2022 AT 13:47
दुनिया दारी में थोड़े कच्चे रहे ,
कमी ये रही की सबके साथ अच्छे रहे .........!-
4 MAY 2022 AT 13:20
वो मौका नही देती इज़हार का ,
वो जानती हैं
मैं पसंद करता हूँ उसे ।।-
29 APR 2022 AT 10:57
उसकी ज़िन्दगी में इतनी भीड़ थी कि ,
अगर हम न निकलते तो निकाल दिए जाते ।।-