आजकल तीनों ही पसंद हमको हाॅट शाम हरेक रोज हो ही जाती तुम्हारे साथ चाय भी आजाती ऐसे में हम भी भला कैसे ना हों हाॅट अब हम क्या कहें डाॅट डाॅट डाॅट डाॅट 🤑
हमें ही पहचाना न जायेगा हमसे हमें ही लगेगा हम तो हैं ही न हमसे हम पूछने लगेंगे खुद ही खुद से कौन हो तुम लगता हम मिले हैं पहले भी कहीं न कहीं जरूर तुमसे 🤔
हम करते रोज रोज पत्नी कहती जब भाड़ में जाओ हम सीधे आफिस चले जाते आफिस में जब कहता बासॅ जहन्नुम में जाओ हम घर लौटकर फिर आजाते कहाँ कैसे खोजें अस्तित्व अब यह भी तुम ही बताओ 🤑
इश्क बदनाम राम राम❣ तू क्यों एकदम करोना सा पता न जाने कब होजाय मन ही मन बस घुटते रहो कोई कुछ काम नहीं आय तुझे क्या और न कुछ काम तेरा मारा एक इश्क पीड़ित 😻मुहब्बत राम😻