Subham Singh Thakur   (#Mr_Subhamm__)
10 Followers · 11 Following

Joined 1 October 2019


Joined 1 October 2019
31 MAY 2020 AT 19:57

मानवाधिकार के लिए समझ चाहिए, संघर्ष नहीं...।।।

-


30 MAY 2020 AT 17:57

बस मानवाधिकार चाहिए
या मानवता को भी अधिकार चाहिए
जिन जिन में जीवन है,
सबको जीने का आधार चाहिए..।।

प्रेम चाहिए परिवार चाहिए
सबके सपने साकार चाहिए
पर इससे पहले,
भूखे पेटों को आहार चाहिए..।।

उद्योग चाहिए व्यापार चाहिए
बहुमत की सरकार चाहिए
पर इससे पहले,
फुटपाथी जिंदगी को घर बार चाहिए..।।

खुलापन चाहिए खुले विचार चाहिए
सबको अपना संसार चाहिए
पर इससे पहले,
हमें हमारे संस्कार चाहिए..।।

किसी को मूर्ति चाहिए किसी को निराकार चाहिए
किसी को मौन चाहिए किसी को गुहार चाहिए
पर इससे पहले,
चिकित्सालयों का उद्धार चाहिए..।।

अधिकार सबको बेसुमार चाहिए
अपने भेदभाव से मुक्ति का प्रचार चाहिए
कैसे होगा संभव,
जब सबको हर अगला अपने से लाचार चाहिए...।।।

-


30 MAY 2020 AT 17:40

मानव अधिकार

दुनियाँ जैसे एक घना जंगल है,
न जाने यहाँ कितने ही अमानव है.!
मानव की भेष में कहीं खुखार भेड़िये,
तो कुछ जैसे रक्त पिशाच.!
मानवता की आड़ में हवन करते हैं,
कुछ अच्छाईयों की मूर्तियों का,
तो कुछ लुटते हैं गरीबों का रैन.!
एक अधिकार हैं सबके लिए,
जिसे कहते हैं मानव-अधिकार.!!
किंतु आज वक्त है एक प्रश्न का,
क्या सचमुच में ये मानव-अधिकार हैं.?
या है ये अमानवों का अधिकार,
तुच्छ और लाचार मानवों पर.!
प्रश्न हैं कि आखिर क्या है ये मानव अधिकार.?
महज शब्द या परिपूर्ण हैं अपने इल्म से,
क्या ये नीति व न्याय संगत है आज भी.??

-


28 APR 2020 AT 16:20

चलो आओ वो कहानियाँ दोहराते हैं,
तुम इस बार सिविल में आ जाओ,
हम कंप्यूटर में दाखिला करवाते हैं..।।

तुम हमारी ट्रांसपोर्टेशन को रट लेना,
हम तुम्हारे डाटा स्ट्रक्चर को पढ़ लेंगे..।।

तुम हमारी सॉयल मैकेनिक्स को समझ लेना,
हम तुम्हारे जावा को चट कर लेंगे..।।

तुम हमारी बिल्डिंग मैटेरियल से दोस्ती कर लेना,
हम भी तुम्हारे कम्प्यूटर से इश्क़ कर लेंगे..।।

इस तरह दोनों फिर से बीटेक कर लेंगे...।।।

-


12 APR 2020 AT 14:11

लोग तो बस सवाल करते हैं,
मौका मिलते ही बवाल करते हैं,
सामने तुम्हारे अपने रहेंगे,
पीठ पीछे मानो हलाल करते हैं..।।

चेहरे पर चेहरा, वाह ! कमाल करते हैं,
झूठ को ही सही मगर ख्याल करते हैं,
मन ही मन फ़िर मलाल करते हैं,
इधर से उधर, उधर से इधर,
शख्सियत मानो जैसे दलाल करते हैं..।।

लोग भी आख़िर कमाल करते हैं...।।।

-


11 APR 2020 AT 9:54

क्योंकि हर मर्द एक जैसा नहीं होता...।।।

वो कहते है मुझे,
मैं घूर कर उन्हें हूं देखता,
ना समझो गलत हर मर्द एक ही इरादा नहीं रखता..।।

अगर कभी कह दूं तुम्हें,
कि इस तरह के कपड़े मत पहनना,
तो इसे मेरा अहंकार नहीं चिंता मेरी समझना..।।

वो कह देंगे तुम्हें,
कि मैं हूं तुम्हें रोकता टोकता,
सच मानो जब तुम करती हो तरक्की,
मुझसे ज्यादा ख़ुश और कोई नहीं होता..।।

मैं भी एक बेटा हूं, हूं एक भाई, एक पति,
मर्द हूं, ना हूं कोई कसाई,
कभी कभी इंसान मुझे भी समझ लेना..।।

चाहता हूं तुम्हें,
हमेशा खुश देखना,
अभिमान मेरा हो तुम ये समझ लेना..।।

क्योंकि हर मर्द एक जैसा नहीं होता...।।।

-


10 APR 2020 AT 10:38

मोहब्बत पर तुम विश्वास कभी जताना नहीं,
टूट जाओगे इसलिए दिल कभी लगाना नहीं..।।

हँसना तो ऐसे मानो जैसे बावरे हुए बैठे हो,
लेकिन मेरे भाई दोबारा कभी मुस्कुराना नहीं..।।

एक दलदल सा है ये इश्क़ का मायाजाल,
एक बारी निकले तो वापस कभी जाना नहीं..।।

कभी बर्तन खनके तो मोहल्ला जाग जाता है,
इसलिए बैठ के प्यार की बंसी कभी बजाना नहीं..।।

उसकी मोहब्बत को उसकी मोहब्बत ही रहने देना,
जब तक वो गले से ना लगे अपना हक कभी जताना नहीं..।।

मैंने सुना है बड़ी बदनाम हैं ये मोहब्बत की गलियाँ,
इसलिए किसी शायर की बातों में तुम कभी आना नहीं..।।

ये ज़ालिम मोहब्बत के व्यापारी तुम्हें ही बेच देंगे,
इसलिए तुम मोहब्बत खरीदने कभी जाना नहीं..।।

अरे "सुभम" धोखा मिल जाने से कोई शायर नहीं होता,
इसलिए सिर्फ़ दिल टूटे तो कलम कभी उठाना नहीं...।।।

-


10 APR 2020 AT 10:03

तुम्हारे बाकी चाहने वालों और मुझ में,
बस इतना सा फर्क है कि मैंने तुम्हें बेइंतहा चाहा,
मगर मैंने कभी तुम्हें हासिल करने की कोशिश नहीं की...।।।

-


9 APR 2020 AT 16:59

चाय को छोड़ अब वो अपने होठों से कुछ लगाता नहीं है,
जाने क्यों अब वो लड़का पहले जैसा मुस्कुराता नहीं है...।।।

-


9 APR 2020 AT 9:37

किस्मत ने कब की लिख दी थी, इस मोहब्बत की बर्बादी..।।
उनको कॉफी से इश्क था, और हम ठहरे चाय के आदी..।।

चाह कर भी ना कह सके उन्हें हमेशा के लिए अपना..।।
उन्हें झूठ बोलने पर यकीन था, और हम सच बोलने के फसादी...।।।

-


Fetching Subham Singh Thakur Quotes