ज़िंदगी की हसीन किस्से की कहानी लिखता
काश खुदा मेरी किस्मत में एक रानी लिखता
के में लिखता उसके काले बालों को घने बादल
बलखाती कमर को दरियां की रवानी लिखता
की उसकी नज़र झुमके से घायल
दिल को न चीज़ एक निसानी लिखता
की मासूमियत का मिसाल वो चेहरा
लड़कपन से भरपूर एक जवानी लिखता
ज़िंदगी की हसीन किस्से की कहानी लिखता ।-
Jaan k kya karoge...🤔🤔
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राहों का खयाल है मुझे
मं... read more
आजकल चेहरे से होता है आगाज़-ए-इश्क़
मगर मेरा दिल ढूंढता रहता है तुम्हें
चांद से मुखड़ा देखा नही है कभी
मगर दिल इशारा कर रहा है तुम्हें
सायद अंजाम-ए-इश्क़ होगा दिल से ।
फासले हमारे दरमियाँ होने नही देंगे
तुम्हारी मुश्कुराहट को खोने नही देंगे
खुसी की चमक देखेंगे तुम्हारी आँखों में
हम दिल दुखा कर तुम्हे रोने नही देंगे ।-
सोचता हूँ में !!!!!
जब तुमसे मिलूंगा
तो क्या बात होगी
बस...! निहारूँगा तुम्हे
या दिल की बात होगी ।
क्या जुबा पे होगा.....! वही ?
जो जज्बात होगी
सोचता हूँ में !!!!
क्या छलकेंगे आँशु ?
निगाहों से बात होगी !
या लग के गले
इज़हारे जज्बात होगी
सोचता हूँ में !!!!-
क्या लिखूं, क्या क्या लिखूं....
तू बता !!!
गोलमोल लिख के निकल जाऊं
या फिर तेरा नाम लेके तेरी बदनामी लिखूं
होठों से पिया आखों का पानी लिखूं या
एक अरसे से चूमा हुआ तेरी पैसानी लिखूं
बेशर्म होके बंद कमरे की कहानी लिखूं
पढ़ने वाले चटकारे लें सिर्फ जिस्मानी लिखूं
या जैसा था वो इश्क़ रूहानी लिखूं
पन्ने में समायेगा नही हुस्न और इश्क़ तेरा
सोचता हूँ तुझ पे पूरी ज़िंदगानी लिखूं ।-
If you are a fuckboy,
Then you are the best boy.
Thumbs up.👍
But if you have a good soul,
Then you always fucked up.-
बताया गया गलत मुझे
पर गलत नही था में,
शायद गलती ये था मेरा की
खुद को
साबित नही कर पाया में।
-
थोड़ा थक सा जाता हूँ अब मैं
इसलिए दूर निकलना छोड़ दिया है,
पर ऐसा भी नही है कि अब
मेने चलना छोड़ दिया है ।
फासले अक्सर रिश्तों में
अजीब सी दूरियां बढ़ा देते हैं,
पर ऐसा भी नही है कि अब
मेने अपनो से मिलना ही छोड़ दिया है ।
हां, जरा सा अकेला महसूस करता हूँ
खुद को अपनो की ही भीड़ में,
पर ऐसा भी नही है कि अब में
अपनापन ही छोड़ दिया है ।
याद तो करता हूँ में सभी को
और परवाह भी करता हूँ सब की,
पर कितनी करता हूँ
बस बताना छोड़ दिया है ।-
सब कुछ पहले जैसा ही है
बस थोड़ा बदल गया हूँ मैं
छोड़ कर बुरे हालातों में तुम्हे
अपने लिए चल चुका हूं मैं
काफी वक़्त गुज़र चुका है
अब सब हाथ से निकल चुका है
फिर भी खुद को तसल्ली देने के लिए
बोल देता हूँ खुद को कभी कभी
हां,
सब कुछ पहले जैसा ही है
अब बस आंशुओं के सहारे ज़िंदा हूं मैं।-