Subhadra Sahu   (-#subhadra sahu✍️....@)
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Joined 25 September 2020


Joined 25 September 2020
30 MAY AT 23:51

नासमझ हूं या समझती नहीं
कि, बढ़ती का नाम जिंदगी है .....

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28 MAY AT 23:38

वासनाएं अतृप्त है ,
‍ और प्रेम तृप्त......❤️

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29 APR AT 10:43

झांकियां साफ़ थी....
बस नज़र की कमी थी
नज़र दौड़ाए तो.......
सबकुछ सामने ।।

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19 APR AT 19:22

Once something is damaged, it's difficult to repair......

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7 MAR AT 22:58

तुम्हारे परमात्मा बहरे नहीं .....
जो चिल्ला चिल्ला के माइक्रोफोन में बुला रहे....

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19 FEB AT 1:15

अपने कर्म को पूजा करने वाले
पूजा पाठ के राग नहीं अलापते ।।

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19 FEB AT 1:05

वो हिन्दू ही है जो सारे धर्म को आत्मसात किया है!

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18 SEP 2024 AT 1:48

इन पन्नों से शायद मोहब्बत सी हो गई है
जिसके बिना एक पल भी नहीं.....
साथ किसी भी पल का हो,
उसकी सादगी मुझे बड़ी भा गई है ।।


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25 AUG 2024 AT 20:10

भावनाओं में बह कर .....
कविता जीवित हो उठती है
सिर्फ कल्पना ही बुनियाद नहीं,
यथार्थ और आदर्श ही कविता को
नए भावनाओं में पिरोए रखती है।।


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25 AUG 2024 AT 17:42

क्यों एक के बाद और एक की होड़ लगी है रहती
कुछ मिले तो भी दूसरी की कमी खलती नजर आती
दुख,सुख मान अपमान सभी परिणाम मिल जाया करती
यूंही एक एक पल गुजर कर मृत्यु तक सफ़र तय होती

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