है दलीलें सब तेरे खिलाफ
पर दिल सोचता तेरे हक में
जिंदगी किस तरह बसर होगी
दिल नहीं लग रहा है मोहब्बत में-
शायर
जो दिखता है👀 वो लिखता हूँ 🖋️
है दलीलें सब तेरे खिलाफ
पर दिल सोचता तेरे हक में
जिंदगी किस तरह बसर होगी
दिल नहीं लग रहा है मोहब्बत में-
जिंदगी में ग़म है या ग़म ही जिंदगी है
कैसे बताए तुम्हे की क्या जिंदगी है
मेरी नजर में मौत तक का रास्ता है
भला तुम्हारी नजर मे क्या जिंदगी है
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कुछ भी नहीं तुम सा तुम्हारे सिवा
कोई सूरत नहीं तुम सा तुम्हारे सिवा
फूल टहनियों पर उदास बैठे है
कोई कली कहा तुम सा तुम्हारे सिवा
कोई और सूरत देखे भी क्यों भला
कोई सूरत कहा तुम सा तुम्हारे सिवा
एक दिल सीने में था बस और कुछ नहीं
अब सीने में कुछ भी नहीं तुम्हारे सिवा-