पग के छाप छोड़े उसने, लक्ष्मी मान घर आई,
सजधज कर आई थी वो, सपनों की गठरी साथ लाई।
दीप जलाए, आरती उतारी, फूलों से मार्ग सजाया,
हर आँख में अपनापन था, हर दिल ने स्वागत में हाथ बढ़ाया।
कहते हैं, घर आई है देवी, सौभाग्य की नयी किरण,
पर क्या किसी ने देखा उसकी थरथराती साँसों को?
कितनी आशाओं की गठरी भीतर ही भीतर टूटती गई।
धीरे-धीरे बदल गए स्वर, मीठे शब्द बन गए तानों की धार,
हँसी की जगह चुप्पियाँ आईं, और सपनों पर छा गया अँधकार।
लक्ष्मी की तरह स्वागत, पर लक्ष्मी सा सम्मान कहाँ?
फूलों से स्वागत हुआ, पर आँसुओं से किसे सजाए?
फिर भी वो मुस्कुराती है, हर दर्द को चुपचाप छुपाकर,
एक घर की इज़्ज़त बनी, अपने हिस्से का आकाश गिराकर।-
I walk through storms with sunrise in my e... read more
धीरे से मन में उतरते हो,
छूते हो सांसों को,
फिर बिना शोर के बिखरते हो।
तुम्हारी मौजूदगी अब भी
हवाओं में तैरती है,
जैसे बीते पल चुपके से
लौटकर साथ बैठते हैं।-
कुछ कहने की ज़रूरत नहीं, आँखों ने सब बयाँ कर दिया,
तेरी खामोश रुख़सत ने दिल का मौसम धुंधला कर दिया।
हमारे बीच जो पल थे, वो अब तितलियों की तरह उड़ते हैं,
तू चला भी गया, मगर ख़्वाबों में हर रात उतरते हैं।-
बदलते मौसम की तरह मन भी बहकता है,
कभी धूप सा चमकता, कभी बादल सा सिहरता है।
खुशियों की बौछारें भी आती हैं अचानक,
तो ग़म की हवाएं चुपचाप उतरती हैं।
पर जैसे हर मौसम कुछ सिखा जाता है,
वैसे ही हर पल हमें मज़बूत बना जाता है।
जीवन है एक चलती ऋतु की कहानी,
हर बदलाव में छुपी है नई ज़िंदगानी।-
हर कदम पे कहानी बनानी पड़ती है,
ख़ामोशियों में भी ज़ुबानी बनानी पड़ती है।
यूँ ही नहीं मिलता मुकाम किसी को,
अंधेरों में अपनी रोशनी जलानी पड़ती है।
सपनों को हक़ीक़त में बदलने के लिए,
हर दिन खुद से ही जंग लड़नी पड़ती है।-
जैसे दादी की मीठी कहानी हो,
हर पन्ना खुलते ही बचपन लौट आए,
वो भूली-बिसरी ज़िंदगानी हो।
स्याही में लिपटी यादें पुरानी,
कुछ अधूरे ख़्वाब, कुछ अरमान,
हर शब्द में बसती है वो दुनिया,
जहाँ दिल को मिलता है सुकून हर एक स्थान।-
ভেজা হাওয়ায় বাজে প্রেমের সুর সারেঃ
তোমার চোখের আকাশে সেই মেঘের ছায়া,
আমার মন আজ হারিয়ে যায় তায়া।
চুপিচুপি নামে ভালোবাসার বৃষ্টি,
তোমার স্পর্শে পাই নরম এক দৃষ্টি।
এ মন চায় শুধুই তোমার পাশে,
ভিজে থাকি দু’জন, নির্জন ভালবাসায় হাসে।-
let it be for you,
Not for the world’s
ever-shifting view.
Grow like a tree,
rooted yet free,
Be who you are,
beautifully, boldly, truly.-
the world feels light,
Even shadows begin to glow
with quiet delight.
Your words turn soft,
your gaze turns kind,
And every corner of life,
some beauty you find.
You need no reason,
no grand display,
Just the warmth in your heart
lighting the way.
For love, when true,
asks for no proof,
It simply lives...
like sunlight on a roof.-