हमारा जीवन पूर्ण लिखित है।
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कुछ लोगो को अपना बोलना अच्छा लगता है
लेकिन और कोई बोलता है वो अच्छा नहीं लगता है-
जब किस्मत और हालात खराब हो तो,
बहुत कुछ सुनना और सहना पड़ता है ..-
गलतियों को हंमेशा माफ़ किया जा सकता है,
अगर आप में हिम्मत है अपनी गलतियां स्वीकारने की
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अपशब्द आकाश की और फेंके गए उन पत्थर के समान है,
जो लौटकर उसी पर गिरता है जिसने उसे फेंका था !!
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श्री गुरूजी जन्मजयंती
विचार गोष्ठी कार्यक्रम
स्थान :संघ कार्यालय, जे पी चौहान अस्पताल के पीछे, वीर सावरकर नगर खुरजा
दिनांक :- 19 फरवरी 2024
समय :- सायं 7:00बजे
बौद्धिक :- श्री लोकेश जी (जिला प्रचार प्रमुख, खुरजा जिला )
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ खुरजा-
श्री गुरूजी जन्मजयंती
विचार गोष्ठी कार्यक्रम
दिनांक :- 19 फरवरी 2024
समय :-सायं 7:00 बजे
स्थान :- संघ कार्यालय, जे पी चौहान अस्पताल के पीछे, वीर सावरकर नगर खुरजा
बौद्धिक :- श्री लोकेश जी (जिला प्रचार प्रमुख, खुरजा जिला)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ खुरजा-
श्लोक 13 - अध्याय 1 - कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल में सैन्य निरिक्षण
ततः शंखाश्च भेर्यश्च पणवानकगोमुखाः।
सहसैवाभ्यहन्यन्त स शब्दस्तुमुलोऽभवत्॥
इसके पश्चात शंख और नगाड़े तथा ढोल, मृदंग और नरसिंघे आदि बाजे एक साथ ही बज उठे। उनका वह शब्द बड़ा भयंकर हुआ
॥13॥
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श्लोक 12 - अध्याय 1 - कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल में सैन्य निरिक्षण
(दोनों सेनाओं की शंख-ध्वनि का कथन)
तस्य सञ्जनयन्हर्षं कुरुवृद्धः पितामहः।
सिंहनादं विनद्योच्चैः शंख दध्मो प्रतापवान्॥
कौरवों में वृद्ध बड़े प्रतापी पितामह भीष्म ने उस दुर्योधन के हृदय में हर्ष उत्पन्न करते हुए उच्च स्वर से सिंह की दहाड़ के समान गरजकर शंख बजाया
॥12॥
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श्लोक 11 - अध्याय 1 - कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल में सैन्य निरिक्षण
अयनेषु च सर्वेषु यथाभागमवस्थिताः।
भीष्ममेवाभिरक्षन्तु भवन्तः सर्व एव हि॥
इसलिए सब मोर्चों पर अपनी-अपनी जगह स्थित रहते हुए आप लोग सभी निःसंदेह भीष्म पितामह की ही सब ओर से रक्षा करें
॥11॥-