नए रिश्ते बनाओ
प्रकृति का यही नियम है
आत्मा भी तो
जीवन खत्म होने पर
नया शरीर धारण करती है-
प्रेम ज्यादा कुछ भी नहीं
एक व्यक्ति विशेष का प्रभाव होता है
व्यक्ति चला जाता है
प्रभाव नहीं जाता-
वक़्त ने ली अंगड़ाई
देखो छुट्टी आई
सब भागे उठाकर बस्ते
मानो हल्क तक हो
ड्यूटी आई
उदासी, बेबसी, झुंझलाहट
जैसी रेखाओं को छोड़
चेहरे पर
हँसी-ख़ुशी, चमक-धमक
से ब्यूटी आई-
अपने मन को समझो
इसे आनन्द की जरूरत है
दूसरे रास्तों में दिला दो
ध्यान, व्यायाम, काम
पुरानी पद्दति से
या आजकल तो
और भी आसान हैं
डेटा, डाटा, इंस्टा-
उन चार लोगों की बातों से
जिनके कुछ कहने भर पर
तुम इतना ध्यान देते हो
वह तुम्हारी...
नफ़रत के भी लायक नहीं
जिन्हें तुम इतना मान देते हो-
वक़्त सच्चा है यही
सभी चेहरों से नक़ाब
उतरते जा रहे हैं
हम ओर मजबूत हो
निखरते जा रहे हैं
वक़्त अच्छा है यही
वक़्त सच्चा है यही-
जिसमें माँ ने बोलना सिखाया
जो कहलाई मातृभाषा
उसके बाद चले विद्यालय
वहाँ देखा A, B, C का खूब तमाशा
अपने देश-प्रदेश में ही
हिंदी को कमतर आंका
उच्च पद मान में
इंग्लिश करे धमाका
हिंदी के लिए बचा
सिर्फ एक पखवाड़ा
जैसे-तैसे कर हिन्दी-बिन्दी
भाषा का मान संवारा-
पड़ोसियों को निम्बू-मिर्ची
अपनी नून, राई
जब बराबर का खर्चा है
तो खुश रहो ना भाई-