Stuti Varshney   ($tûtî (स्तुति) ❤)
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Joined 15 May 2020


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Joined 15 May 2020
4 FEB 2023 AT 2:04

आवाज़ें तो बहुत हैं......
इन दिनों जिंदगी मैं जीता तो हूँ
इन दिनों इस पल में रहता तो हूँ
शायद खामोश हूँ थोड़ा लेकिन आवाज़ों को सुनता तो हूँ
वो पल ठहरा सा लगता है जिनमें अक्स दिखता है तेरा
इसलिए उन पलों को जीता तो हूँ
उन पलों को संजोय कुछ यादें कैद हैं
उस कैद में यादें तो बहुत हैं लेकिन तेरा हिस्सा कुछ पास है
उन यादों में बहुत शोर है उस शोर में आवाज़ें तो बहुत हैं लेकिन तेरी कुछ खास है

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22 APR 2022 AT 12:03

पता थी हक़ीकत उस राह की लेकिन फिर भी चल पड़े उस पर
अंजानी इस पहेली से वाक़िफ़ थे दोनो
फिर भी मुकद्दर को अपना बनाने चले थे
आज हक़ीकत ने आख़िर आईना दिखा ही दिया
एक राह अधूरी सी...........

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19 SEP 2021 AT 1:50

जिंदगी के सफर में हर कोई राही है
कुछ सफ़र में शहद से मीठे
तो कुछ सबक कडवा बन जाते हैं
लेकिन यही जिंदगी जीना सिखाते हैं|

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31 MAY 2021 AT 21:16

ज़िंदगी बीत जाती है जिंदगी की तलाश में
उमर बीत जाती है कुछ पाने की आस में
जीता है जो हर पल जीवन जीने की प्यास में
||जीता है वो ज़िंदगी हर हाल में ||

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1 MAR 2021 AT 21:48

इश्क़ की तलाश में भटकता रहा दर ब दर,
रुका जब महादेव आगे तो बोला कुछ इस क़दर......
भस्म का लेप और रूद्रो की माला,
भोला सा मुख और शीश चंद्र-धारा,
बिचित्र उसकी महिमा, काल का वो रखवाला,
जीवन का हर पहर अब उन्हीं के नाम कर डाला।

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27 FEB 2021 AT 9:36

मगरूर थी वैसे तो मैं अपनी ही धुन मे,
कुछ साथ ऐसे मिले जो न गवार थे ,
कुछ अंजानो को अपना मान
जो एक वक़्त करीब थे मेरे काफी
उन्हें काफी करीब से जाना था,
इसलिए अब किसी और को जानने की,
न ही ख्वाहिश थी और न ही दिलचस्पी,
लेकिन वो कहते हैं न.....
कुछ दस्तक ऐसी होतीं हैं की
जिनके लिए दरवाजे ना जाने
कब और कैसे खुल ही जाते हैं,
मेरी ज़िंदगी मे भी वो दस्तक हुई
और न जाने कब कैसे दरवाज़ा खुला
और बस सब कुछ थम सा गया,
वो खुशबू की तरह आये
और चारों और मेरे दिल को महका गये,
लेकिन ये दस्तक भी एक सबक बन आई,
ज़िंदगी जीने का नया तरीका सिखाई थी,
जो तलाशते थे अब तक किसी चेहरे में,
वो मोहब्बत हमें एक अनछुये एहसास में नज़र आई।

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25 FEB 2021 AT 2:11

जब वो प्रतिशोध की अग्नि में जलती है
चारों ओर हड़कंप होती है
पृथ्वी भी तो माता है
जो स्त्री का ही रूप होती है
जो अपनी हर हद तक बर्दाश्त करती है
लेकिन लांघे जो अपनी सीमा, ये मानव
बस एक प्रहार में सब नष्ट करती है।

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18 JAN 2021 AT 20:13

Books📚 aren't boring these
are the best comrade for life. ❤

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14 JAN 2021 AT 22:05

आने लगें कभी जो दूरियाँ दोनो के दरमियाँ
अजनबी बन फिर रिश्ता नया क़ायम करना
नासमझी की दरारों को, मिलकर इस क़दर मिटाना
मोहब्बत के नये मलहम से एक नया रूप दिखलाना।

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13 JAN 2021 AT 23:07

काश, हम आज भी
अंजान ही होते
न आते तुम करीब मेरे
न होते वो अजीब सवेरे
तुम होकर भी अंजान थे
हम न होकर भी सरेआम थे
न सजते वो ख़्वाब अधूरे
न टूटते दिल इस क़दर
तुम अपना न सके हमें
हम भुला न सके तुम्हें
काश, हम आज भी
अंजान ही होते ।।

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