तेरा इंतज़ार करता रहा हूँ मैं l
दिल टूटने से पहले और दिल टूटने के बाद l
अगर तू भी रहा है बेताब मेरे लिए l
तो आईना समझ मुझे, कहदे अपनी बात l
अबसे होगा न कुछ तेरा और न कुछ मेरा l
तेरे जख्मों के नाम रखूँ मैं, और तू मुझपे हाथ l
अब तुम हो सबसे खास मेरे लिए l
जश्न, लड़ाई, हार, जीत और सब तेरे साथ l
तेरा इंतज़ार करता रहा हूँ मैं l
दिल टूटने से पहले, और दिल टूटने के बाद l
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मैंने पूछा है उसके बगीचे के गुलाब से ,
क्या उसकी खुसबू आज भी वैसी है ?
लगता है उसको की उसमे कमी है कोई ,
हमारी कलम से पूछो, उसकी तारीफ कैसी कैसी है l
महफ़िल में चुप खड़ी है वो l
खुदा करे वो खुश हो अंदर से ,
वरना उसके चेहरे पे परेशानी बड़ी है l
मैंने पूछा है उसके बगीचे के गुलाब से ,
क्या उसकी खुसबू आज भी वैसी है ?-
हम लापरवाह है बहुत, और
प्यार बड़ी जिम्मेदारी की चीज़ है ।
सब्र से चलना हमारे साथ,
देर से उगेगा, वो जो इश्क़ का बीज है ।
फिर हम तुम्हे देखेंगे और तुम हमको
जैसे तुम हमारे और हम तुम्हारे ज़ेहनसीब है ।
रफ्ता रफ्ता होगा इश्क़ हमे ,
जैसे धुप सर्दियों में और सावन करीब है ।
हम लापरवाह है बहुत, और
प्यार बड़ी जिम्मेदारी की चीज़ है ।-
कितना बागी है इश्क़ इस ज़माने में ।
अगर मिल जाये कहीं, तोे एहतियात बरतना ।
न तुम पर कोई इसे इस्तेमाल करे ,
न तुम किसी को खुद पे इस्तेमाल करने देना।
खुदा खैर करे उनकी जिनको इश्क़ है।
क्या गलत नहीं है, एक दर पे जिंदगी गुजार देना ?
मैंने पढ़ा नहीं है कोई कानून जो क़त्ल-ए-इश्क़ रोके।
क्या कभी लाजमी नहीं है , खुदा को भी सजा दे देना ।
कितना बागी है इश्क़ इस ज़माने में ।
अगर मिल जाये कहीं ये , तोे एहतियात बरतना ।-
टूटे दिल या आबाद रहे, अंजाम की परवाह न करो l
तुम एक बार जरूर इश्क़ करो l
लिखना अपना नाम तुम किसी और के साथ भी l
दिल से किया इश्क़ तो झूठ है, तुम रूह से इश्क़ करो l
दुनिया सिखायेगी तुमको दुनियादारी की बातें,
जो रोना भी सिखाये तुमको, तुम वो इश्क़ करो l
टूटे दिल या आबाद रहे, अंजाम की परवाह न करो l
तुम एक बार फिर इश्क़ करो l-
लगते तो हमारे कुछ नहीं मगर,
एहसान है उनका, हमारी खबर रखते हैं वो ।
इश्क़ नहीं करते हमसे मगर,
सोने से पहले हमारी तस्वीन तक्कते हैं वो ।
हम बेशर्मी से इश्क़ का इजहार करते हैं मगर,
हमसे माफ़ी मांग, हमारी दुआ करते हैं वो।
हम इंतजार-ऐ-इश्क़ करते हैं मगर,
सबर-ऐ-इश्क़ से बेखबर लगते हैं वो ।
लगते तो हमारे कुछ नहीं मगर,
एहसान है उनका, हमारी खबर रखते हैं वो ।-
ਦਿਲ ਦਾ ਬੂਹਾ ਹੋ ਗਿਆ ਐ ਬੰਦ l
ਇਹ ਬੂਹਾ ਸਾਨੂ ਖੋਲ ਲੈਣ ਦੇ l
ਤੇਰੇ ਇਸ਼ਕ ਦਾ ਸੂਹਾ ਜੇਹਾ ਰੰਗ l
ਚਾਸ਼ਨੀ ਵੀ ਸਾਨੂ ਘੋਲ ਲੈਣ ਦੇ l
ਹਸਨ ਲਗੇ ਆ ਅਸੀਂ ਵੀ ਅੱਜ ਕਲ l
ਇਹ ਸ਼ਾਮਾਂ ਸਾਨੂ ਹੁਣ ਰੋਕ ਲੈਣ ਦੇ l
ਦਿਲ ਦਾ ਬੂਹਾ ਹੋ ਗਿਆ ਐ ਬੰਦ l
ਇਹ ਬੂਹਾ ਸਾਨੂ ਖੋਲ ਲੈਣ ਦੇ l-
लिखदूं अगर तेरी दास्ताँ तो शुरू कहाँ से हो ?
तेरी जुल्फों को अव्वल कहूँ या बात आँखों की हो ?
क्या लिखदूं वो मुलाकात मैं, तू मेरे बगल मए बैठी थी जो।
या कहदूँ तेरा राज़ वो, जिसे कोई जनता न हो।
करना हो अगर सौदा, तो मिलेंगे मैं और तू।
एक दिल दे जाना मुझको, चाहे तेरा दिल या मेरा दिल हो।-
दिल टूटा है जिस शहर में मेरा ,
उस शहर पे एक एहसान कर आया हूँ l
ठण्ड बहुत थी कल रात को ,
एक छोटे बच्चे को दस्ताने दे आया हूँ l-
सोचता हूँ इश्क़ को इश्क़ नहीं, गलती बुलाऊँ l
शायद दुबारा हो जाये l
या तुम बताओ इश्क़ को क्या बुलाऊँ l
बस ये जिंदगी आसान हो जाये l-