🌸तुम क्या जानो ,तुम हुनर कितने नायाब रखती हो!!
आँखों में दुनिया, और दिल में बंद किताब रखती हो_।।
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🌸हैरत में रह जाती हूँ ,तुम्हारी उस समझदारी से!!
जाने कैसे हर एक पल का हिसाब रखती हो_।।
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🌸सलाहों में अपनी तो अदाऐं बेशुमार कर के बैठी हौ!!
हर मसलें पर मशवरा बेहद लाजवाब रखती हो_।।
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🌸चहेरे पे सूफी नूर, अदाओं में खूबसूरत नज़ाकत!!
मदहोश निगाहों में कई दिलकश ख्वाब रखती हो_।।
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🌸क्या गुलाब पेश करू , तुम जैसी हुस्न परी को!!
तुम तो अपने सुर्ख होंठों पे गुलाब रखती हो_।।
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