गुज़र जाएगा ये दौर भी ग़ालिब
ज़रा इत्मीनान तो रख
जब खुशी न ठहरी तो
ग़म की क्या औकात!-
Standard Quotes
(स्टैंडर्ड कोट्स)
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एक सामान्य भारतीय!
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Joined 30 June 2019
11 DEC 2022 AT 21:07
20 NOV 2022 AT 21:40
आहिस्ता-आहिस्ता बढ़ रही हैं
चेहरे की लकीरें,
लगता है नादानी और तजुर्बे में
बंटवारा हो रहा हैं।
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30 OCT 2022 AT 18:45
इन बारिशों से दोस्ती अच्छी
नहीं ग़ालिब,
कच्चा तेरा मकान है कुछ
तो ख्याल कर!
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26 OCT 2022 AT 22:25
कुछ बातों के मतलब थे
कुछ मतलब कि बातें थी,
जबसे फर्क समझ आया
जिंदगी आसान हो गई!
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2 OCT 2022 AT 22:24
कोशिश न कर तू यहाँ सबको
खुश रखने की,
नाराज तो कुछ लोग यहाँ
खुदा से भी हैं।
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18 SEP 2022 AT 17:02
दुआएं जमा करने लग जाओ साहब
खबर पक्की है, दौलत और शोहरत
साथ नहीं जाएंगी।
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28 AUG 2022 AT 22:11
जिंदगी उलझाए रखती है
गुनाहों में हमें,
इतनी फुर्सत ही नहीं देती
कि हम शर्मिंदा भी हो!
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6 AUG 2022 AT 21:22
शिकायतें तो तुझसे बहुत है
ए-जिंदगी,
पर तूने जो दिया है वो हर किसी को
नसीब नहीं होता!
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1 JUL 2022 AT 21:00
दो शब्द नहीं मिलते तसल्ली के
इस शहर मे,
लोग दिलो मे भी दिमाग
लिए फिरते है।
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5 JUN 2022 AT 21:16
शोहरतें बदल देती हैं
रिश्तों के मायने अक्सर,
मुक्कदर किसी को इतना भी
मशहूर ना करे।
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