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I Write what comes in my mind and
What happenes around me
Simply my though... read more
सर्द की गुलाबी सुबह मे, हरी पत्तियों सी वो
वल्लाह! ये मुस्कराहट उस ओस की बूंद सी हैं।-
अगर कोई अपनी जरूरतों के वक्त याद करे तो उनका साथ देने मे कोई हर्ज नहीं।
लेकिन कोई सिर्फ जरूरतों के वक्त ही याद करे तो हम हर वक्त तैयार रहें इतने मूर्ख तो हम भी नहीं। 💔-
जिन्दा था जब तक देखा भी ना था किसी ने ,
आज देखो मेरी तस्वीरें सजाई जा रही है।
पहले कभी किसी ने आकर बात तक ना कि,
आज देखो बस मेरी ही बात है।
वाह रे दुनिया तेरा भी क्या कहना,
आज पता चला तेरी क्या औकात हैं।
काश जब थी जरूरत कीसी ने कन्धे से कन्धा मिलाया होता,
आज बदल बदल कर कन्धा देने को तैयार है।
लो पहुँच गया हूँ अपनी आखिर मंजिल तक,
लो यहा भी इनको मुझसे शिकवे हज़ार हैं।
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अकेले ही रहना लिखा हो किस्मत मे,
तो साथ रखने की जबरदस्ती क्यूँ की जाये,
अब सब्र का इम्तेहान ना ले ऐ खुदा मेरे
बता इस मसले पे क्या किया जाए?-
आज अपना लहजा कुछ उनके जैसा ही कर,
हमने उनसे बात की
आज अपना लहजा कुछ उनके जैसा ही कर,
हमने उनसे बात की
वो कहने लगे, बेहद बदतमीज हो गए हों
और इतना कह कर उन्होंने बात काट दी।-
क्या.. कुरेदा जाये उन पुराने ज़ख्मों को
जब वो शख्स हर पहर नए ज़ख्म देता हो
आँखों की नमी के लिए।-
कहीं ना कहीं शुक्रगुजार हूँ 2020 की मैं।
दूसरों की छोड़, खुद के लिए जीना सीखा गया ये मुझे।-