अभी वास्तविकता का कल्पनाओं से भाग हुवा नहीं
अभी बहुत कुछ शेष है-
सर्व प्रिय शिवहरे
(सर्व प्रिय)
37 Followers · 16 Following
बोलना नही आता इसलिए बस लिखे ✍ जा . . . .
बस दो पंक्तियों में मन की बात . . . .
बस दो पंक्तियों में मन की बात . . . .
Joined 10 February 2019
5 NOV 2023 AT 22:25
17 SEP 2021 AT 22:56
परिंदे जिस डाल में बैठा करते थे
उससे बने पन्ने में मैं उदासी लिख रहा हूँ-
31 AUG 2021 AT 1:27
जब कुछ न हो लिखने को
तो पढ़ लो
आसमान में दूर तारे का अकेलापन
खूंटे पर बँधे जानवर की खामोशी
डाल कटने पर पेड़ों की पीड़ा
मछलियों की आंख का आंसू
और थोड़ा -
कृष्ण . . . . . !-
29 AUG 2021 AT 0:34
शब्दों के शहर में विरानिया ढेर सारी है
पर ख़ामोश रहने की भी जिम्मेदारी है . . .-
16 AUG 2021 AT 23:13
जब नाव नदी में चलती है
तो नाव नदी हो जाती है
सबको मंजिल में पंहुचाकर
खुद साहिल पे रह जाती है-
19 OCT 2020 AT 23:42
~कल तुझमें~
कल तुझमें मैं था
अब मुझमें यादें हैं
दो पल उन बातों की
जिंदा कुछ मीठी बातें है
जो बात अधूरी छोड़ी थी
वो बात अभी भी बाते हैं
कल तुझमें मैं था
अब मुझमें यादें हैं . . . .
पेन की स्याही भी खत्म हुई
लिखने को अब भी यादें है
इक चंदा छत में डूब गया
इक चंदा दिल में साधें है
कल तुझमें मैं था
अब मुझमें यादें है . . . .-