सरफिरी मुसाफिर   (K⃠ŏ̈ꪑꀎȗ̈.....✰ꨄ︎)
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Joined 13 June 2019


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Joined 13 June 2019

मेरे दर्द का मरहम मुझे मिल गया है
पर ये सब उसके लिए नया सा हैं
मेरे गमों से कहीं हो न जाए वो परेशान
इसीलिए उससे छुपाती हूं अपनी पहचान
जब जिंदगी कर देती है जीना हराम
उसकी बांहों में छुपकर कर लेती हूं आराम।।

उसकी बांहों में सारे गम भूल जाती हूं
ये दुनियां क्या है जनाब.....
मैं तो जन्नत की सैर कर आती हूं।।

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सूरज के उगने से लेकर ढ़लने तक इंतज़ार किया है उसका
मेरे सपनों में अक्स है जिसका
मीरा सा हाल हो गया है मेरा
और सब कहते हैं ये कैसा प्यार हैं तेरा?
कि मत पूछो मेरे प्यार की ये लग्न
सुबह हो या शाम
मेरा दिल और दिमाग बस रहता है उसी में मग्न।।

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अब है सिर्फ तेरे साथ रहना
तू न मिला तब भी बस तेरा ही होकर है रहना|

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सब कुछ है खुशनुमा
तू मुझे पहले क्यो नही मिला,
बस इतना सा है तेरा गुनाह||

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बड़ा भाई जिसको कोई पा नही सकता ,इतना वो खास है
छोटा भाई एक आजाद परिन्दा है,जिसका लक्ष्य बस आकाश है
मेरे दोनो भाई मेरे दिल के बहुत पास है||

बडा़ है माँ का दूसरा रुप
तो छोटा है पापा की परछाई
इन दोनो में मेरी सारी खुशियाँ है समाई||

बडा़ पूजा-पाठ मे करता है यकीन
तो छोटा ब्राण्डेड कपड़ों का है शौकीन
इनकी वजह से मेरी जिन्दगी है गमहीन||

मै न हूँ पापा की परी
न ही हूँ मै माँ की प्यारी
मै तो हूँ बस अपने दोनो भाईयो की दुलारी||

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वक्त तेरी क्यूँ है इतनी तेज रफ्तार
मेरे कुछ दोस्त आ गए इस पार
तो कुछ दोस्त खो गए उस पार
बता वक्त क्या करूँ मै ऐसा?
कि फिर मिल जाए वो बिछड़े यार
या मान लूँ मै कि, जीत गया अहंकार
और दोस्ती की हो गई है हार||

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मेरे अल्फाज़ कुछ इस तरह अपना दर्द बताएगे
कि आपके पास मुझे जाहिर करने को
लफ्ज ही कम पड़ जाएगे||💔

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When I am watchin' K drama & my friend is calling me continuously...

ME:-

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“ये जगह मेरे सुकून की वो गली है
जो मुझे कही ओर नही मिली है!......”✨

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||मुझे उस जहां मे जाना है||

जहां रुहानी भोर हो
जहाँ हर सुबह चिड़ियों के चहचाने का शोर हो
जहाँ आसमान मे बादल घनघोर हो
मुझे उस जहां मे जाना है
वहाँ अपना प्यारा-सा आशियाना बसाना है||

वो जहां जो सबसे बेगाना हो
वहाँ मेरे अकेलेपन का ठिकाना हो
वहाँ किसी दूसरे का न आना-जाना हो
मुझे उस जहां मे जाना है
वहाँ अपना प्यारा-सा आशियाना बसाना है||

जहां मै हर सुबह चिड़ियों के साथ गा सकूँ
खुले आसमान मे अपने पँख फैला सकूँ
जहां मै अपने सपने सजा सकूँ
मुझे उस जहां मे जाना है
वहाँ अपना प्यारा-सा आशियाना बसाना है||

जहां चार लोग क्या कहेगें इस बात का भय न हों
जहां हर वक्त इंसानों के ऊपर पैसों की जय न हों
जहां सिर्फ लड़कियों के आने जाने की सीमा तय न हों
मुझे उस जहां मे जाना है
वहाँ अपना प्यारा-सा आशियाना बसाना है||

जहां मै जैसी हूँ मुझे वैसे ही अपनाएं
जब मैं दर्द मे हूँ तो उस पर कोई मलहम लगाएं
जहां हर वक्त हर कोई मेरी कमियाँ न गिनवाएं
जहां कोई मेरे लड़की होने को पाप न बताएं
जहां हर कोई सिर्फ मेरा फायदा न उठाएं
मुझे उस जहां मे जाना है
वहाँ अपना प्यारा-सा आशियाना बसाना है||

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