कितनों की सहादत पैगाम दे गयी है
वीर-ए-वतन को जान दे गयी है
भारत को माता बुलाये तभी हम
सलामी उन्ही के ही नाम हो गयी है
सभी सम्मानित देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं
"जय हिंद जय भारत"
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followers तो बहुत है लेकिन आज भी follow back करता ह... read more
सलामत तिरंगा फहराया कहाँ तक
हमें ये बुलंदी दिखाया जहां तक
बस उनकी फितरत पे नाम हो जाये
शेर-ए-वतनो को सलाम हो जाये
सभी सम्मानित देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई
"जय हिन्द जय भारत"
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हम भी तो बस तुम तक है हिय में तुम हो जान प्रिये..
दिन भर की दिनचर्या में हर दर्द का तुम आराम प्रिये..-
kya intzaar kyu bekarar
vakai saksh hai besumar
kyu karte ho tum paresaan
ab to yrr mil joa yrr
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barbadi bhi kya khub manzar dikhati hai
sahab paraye to khte h dur se
apne asli aukaat tbhi dikhate hai-
त्वरित ध्वनी यूँ गुंजित थी,
जैसे कोई हाहाकार उठा..
दीर्घ समय से मंदित था जो,
हिय में कोई विचार उठा..
स्पष्ट वेदना हुई त्वरित,
हिय ने ही स्वयं विचार किया..
नवविचार को लक्ष्यित कर,
पुनः मार्ग विस्तार किया..
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कोई है,जो हमे भी बताये आके
कि दिललगी करके हम पछताये कैसे-
तस्वीर भी मेरी
मुस्कराती है क्या
हाले दिल मेरा
सुनाती है क्या-
आकर्षित जब हर्ष हुआ,
तब मोहित हिय भी हुआ तनिक..
वो साधारण सा चेहरा था,
बस बनी ह्रदय मे छवि क्षणिक..
मंद मंद मुस्कान अधर की,
हिय को करे प्रफुल्लित पुलकित..
यूं सवारे बालो को वो
जैसे पवन चल रही मंदित..
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जब तेरे प्रत्यक्ष खडा़ था
तूने मुझे सुनाया क्यूं ना
अब तो मैं भी हूँ अभिशापित
तूने स्वयं भुलाया क्यूँ ना-