मिलना है तुमसे फिर पहली बार की तरह
तुमसे वो पहली मुलाकात यादगार बहुत थी-
अगर unf... read more
खाली बैठ के पढ़ा आज अपने लिखे अल्फ़ाज़ों को
अपनी नादानियों पर अब हँसी सी आती है-
बात करते रहिए एक दूसरे से
कोई भरोसा नही है जिन्दगी का
कब मौन कर दे कोई ठीक नही है-
काश इन आँखों को तेरा दीदार हो जाये
मेरा भी कल सावन का सोमवार हो जाये-
मैं अस्सी घाट सी चंचल हुँ
तू मणिकर्णिका सा शांत प्रिये
मैं मीठी पान बनारस की
तू कुल्हड़ वाली चाय प्रिये
मैं सीधी सहज बनारस सी
तू विश्वनाथ का धाम प्रिये
मैं परमभक्त महादेव की
तू हनुमान का दास प्रिये-
एक बड़े से शहर के,
खूबसूरत चौराहे पर
मशहूर हॉस्टल में
हर कोने मे अपनी
मद्धम रौशनी पहुँचाने वाला
अपना सा वो लड़का ..
तकलीफ कितनी भी हो
हर हाल में मुस्कुराकर
हमेसा खुश रहकर
सबको खुश रखने वाला वो लड़का.....
ख्वाहिश बस एक ही है
हर हाल में साथ मिले उसका
बस एक बार मिलके
गले लगा ले वो लड़का ....
जा रहा है आज वो हमेशा के लिए
हमे रोता हुआ छोड़ कर
बहुत याद आयेगा वो लड़का........-
तू जो हर रोज़ एक नये जिस्म पर मर जाता है
तू मुझे बतायेगा इश्क़ होता क्या है-
तुझ संग बीते लम्हो को संभाल रही हुँ
एक एक कर इन्हें लफ्ज़ो में उतार रही हुँ-
कहानिया लिखने का शौख रखते थे वो
बारी हमारी आयी तो महज किस्सो मे समेट कर रख दिया हमे-