Srishti jha   (Srishti jha ❤)
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Joined 16 May 2020


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18 FEB 2024 AT 13:22

भटकता रहा दर बदर
लिहाजा अंजाम कुछ ऐसा हुआ..
ना वो मेरा हो सका और ना ही..उसका शहर .!

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2 JAN 2023 AT 23:14

haste mushkurate rhe sada ...
Yun hi aapke chehre pe  sada muskan rhe
mili h pehli saflta ki sidhi aapko ....
bhagwan aesi kai safltaye aapke naam kre ...

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19 JUN 2022 AT 19:42

बच्चे का जन्म माँ के गर्भ से होता है
लेकिन पिता के आत्मा से होता है ।
इसलिए बच्चे को आत्मज और आत्मजा कहा गया है।

माँ, बच्चे के भूख को पहचान लेती है और खाना की थाली तुरंत ले आती है
पिता, भविष्य में बच्चे को हमेशा भरी थाली मिले इसका इंतजाम करता है

माँ की ममता बड़ी बड़ी गलतियों को सुधारने की ताकत रखती है।
और पिता की डांट छोटी -से -छोटी गलती करने से रोक देती है।

माँ की आँचल बच्चे को गर्मी, सर्दी से बचाता है ।
और पिता वो बुलंद दरवाजा है जो दुनिया की हर वार को झेल लेता है पर बच्चे को एक खरोंच भी नहीं आने देता है ।

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24 MAY 2022 AT 16:33

चलो अब आखिरी रस्में निभाई जाए
कभी ना मिलने वाली कसमें खाई जाए
ना तुम मुझे याद करोगे मैं मानती हूँ
पर मैं ना भूल पाऊँगी तूझे ये भी जानती हूँ
खुशियाँ तुझे तमाम मिले
हो जिसमें गम कभी न वो शाम मिले
चलो अब एक दूसरे से दूरियाँ बढाई जाए
कभी ना मिलने वाली कसमें खाई जाए
होगे नहीं तुम तो जाने कैसे हम जियेंगे
जहर जुदाई का जाने कैसे हम पीयेंगे
आखिरी सांस तक इस दिल पे नाम तेरा हीं रहेगा
एक तेरी खुशी के लिए ये दिल हर दर्द सहेगा
चलो अब अपनी साथ को विदाई दी जाए
कभी ना मिलने वाली कसमें खाई जाए
पर वादा करो हमें बेवफा ना ठहराओगे तुम
बना के हमें हरजाई झूठी कहानियाँ ना सुनाओगे तुम
ये दिल तुम्हे क्या मानता है ये भले ही तुम नहीं
पर मेरा रब जानता है
मेरी जिन्दगी में तुम नहीं, तुम में मेरी जिन्दगी बसती है
तुझे हंसता देख मेरी दुनिया हंसती है
चलो मेरी खुशियाँ तमाम को आखिरी सलामी दी जाए
कभी ना मिलने वाली क़समें खाई जाए।

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24 MAY 2022 AT 15:18

हर किसी की किस्मत  लिखी भले ही एक ही कलम से गयी हो
पर शब्द वहीं हो जरूरी तो नहीं ।

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23 MAY 2022 AT 23:51

खुद धूप में रहकर हमें छांव देते हैं
ये भूलें से भी ना हमें घाव देते है
खुद बिछ जातें हैं कांटो पर
हमारे पैरो नरम राह देते हैं
मां भगवान तो पिता उनसे कम नहीं
ये हैं तो हम हैं इनके बिना  घर घर नहीं
इनके बिना हम  हम नहीं ।

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24 FEB 2022 AT 22:01

दे दूं खुशियाँ तमाम उनके हक में
बशर्ते कि...
वो एक दफा हमें अपनी जान बुलाए ।

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15 FEB 2022 AT 21:50

मिलना बिछड़ना सब खुदा के हाथ है
क्यूं न खुल के जिया जाए जब तक साथ हैं।

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13 FEB 2022 AT 19:56

कुछ नहीं मिलता यहाँ मुफ्त में ...
एक सांस भी तब आती है जब एक छोड़ी जाती है।

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1 FEB 2022 AT 14:28

तेरे बिना जीना गवारा नहीं
पर मेरी किस्मत तो देखो यार एक तू ही हमारा नहीं।

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