सुना है तुम्हे फिर किसी की नजर लग गई,
सुना है बुलाते ही आ जाता है कोई पास तुम्हारे,
सुना है छुप छुप के किसी से बात कर रही हो फिर से,
सुना है तुम्हारा जान कोई और बन रहा है फिर से,
कब समझोगी ये सब मुझे सुन सुन के कैसे लग रहा है।
छोड़ो अब रहने भी दो जान कर तुम समझोगी नहीं,
और बता मैं पाऊंगा नहीं।-
कई बार उसको अपना बनाना चाहा मैने,
उसकी ना को भी हाँ मे बदलना चाहा मैंने।
हाँ नाकामयाब हुआ हूँ मैं हर बार इस बात का कोई गम नहीं।
एक तरफ़ा प्यार किया है मेरा पर किसी से कम नहीं।-
एक एहसास लिखना था,
तुम्हारा साथ से ज्यादा का लिखू।
सुन अब जिंदगी लिखना है,
तेरे नाम से ज्यादा का लिखू।-
मुझसे मत पूछो क्या हैं प्रेम,
नाम तुम्हारा ले बैठूंगा।
मुझसे मत पूछो सुख की परिभाषा,
ज़िक्र तुम्हारा कर बैठूंगा..!!
मुझसे मत पूछो क्या हैं आशा,
स्वप्न तुम्हारा रच बैठूंगा।
मुझसे मत पूछो विरह वेदना,
जीवन अपनी तज बैठूंगा।-
सच्चाई से नजर मिलाना सब के बस की बात नहीं,
औरों की गम मे खुद को जलाना सब के बस की बात नहीं।
दौलत वाले तो बना लेते है मकान,
सब से ऊँची इमारत पर।
लेकिन दूसरों के दिल मे जगह बनाना सब के बस की बात नहीं।
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राह के पथर चकनाचूर होने चाहिए,
वार एक ही हो मगर भरपूर होना चाहिए।
सिर्फ इतना ही नही की वो हार मान लें,
वो हमारे सामने मजबूर होना चाहिए।-
गम अगर पाया है नसीब में तो उसे अपनाना होगा,
दिल में उमड़ते आग को छुपाना होगा।
है अगर पिलाना अमृत की घुट दुनिया को,
तो उससे पहले खुद में बसे जहर को निगलना होगा।-
कोई कुछ भी बोले शांत रहना तुम,
धूप कितनी भी कड़क क्यों ना हो,
समुन्दर को कभी सुखा नहीं सकते।
गलती चाहे किसिकी भी हो,
माफ कर देने से कोई छोटा नही हो जाते।-
अरे ओ, तुम जिद्द की बात करते हो,
हम तो बचपन से ही ज़िद्दी है,
जो मुकद्दर में नहीं लिखा होता,
उसे भी अपना बनाने पर मजबूर कर देते हैं।-