हम महफ़िलों को आजमा कर तन्हाईयों के हो गये,
हम ख्वाबों को सजाकर हकीकत में खो गये!
हमें इनायतो में भी मिलती रहीं है रुसवाईया,
बंद दीवारों में होकर आजाद तेरी नजरों में हो गये!!-
शिक्षा के जहाज,बड़े शौक से डुबाए जा रहे है, स्कूलों को बन्द करके, लोग रैलियों में बुलाए जा रहे है ! तू कब तक फ्री के राशन का मजा लेता रहेगा ए आम- आदमी,तेरे बच्चे जिस्म से नही दिमाग से अपाहिज बनाएं जा रहे है !!
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हर ओर बिखरी है छठ के पावन पर्व की छठा निराली।
छठ का ये महापर्व लाता है जीवन में खुशहाली ।।आपके जीवन में भी आएं खुशियां अपार ।
मुबारक हो आपको छठ का ये पावन त्योहार।।-
कठिनाइयों से न डरना तू ,ये जीवन कठिनाइयों का मेला है,
यहाँ बनता कोई किसी का गुरु, तो कोई बनता चेला है,
जो करता है दिखावा अपने होने का,असल में वही सौतेला है,
ऐ दोस्त,भगवान तो दिखा सकता है बस मंज़िल का रास्ता, मगर उसपरचलना तो तुझे अकेला है।-
भारत माता के पहलू में आओ आज़ादी पर्व मनायें,
तिरंगे की गौरव छाया में आओ झूमें नाँचे गायें।
नहीं किया सम्मान से सौदा परतंत्रता को ठुकराया है,
कई लाल दिए हमने तब जाके लाल किले को पाया है।
देश से बढ़कर कोई नहीं ये हिन्दुस्तान हमारा है,
तिरंगा है पहचान हमारी ये ही हमको प्यारा है ।
सेनाओं ने हरदम ही सर्वोच्च शौर्य दिखाया है,
स्वतंत्र स्वांस का हर मौसम हमने उनसे ही पाया है।
केसरिया मात्र एक रंग नहीं हमारे रक्त की धारा है,
तिरंगा ऊँचा रहे सदा बस यही पैगाम हमारा है।
मरते दम तक जो डिगे नहीं हम उन वीरों के बच्चे हैं,
छल कपट से कोसों दूर अरमान हमारे सच्चे हैं।
भारत को जो तोड़ेगा हम उसका अस्तित्व मिटा देंगें,
उस कायर की छाती पर ही हम तिरंगा लहरा देंगें।
आओ सबको गले लगाकर उनका स्वागत सम्मान करें,
स्वतंत्रता की इस बेला का जी भरकर गुणगान करें।-
राहो में किसी का साथ भी जरुरी है,
हाथो में किसी का हाथ भी जरुरी है,
माना दर्द जिंदगी के हर मोड़ पर है,
मत रहना अकेले पर
जिंदगी में दोस्ती का एहसास भी जरुरी है..।।-
चलो वो इश्क़ नहीं चाहने की आदत हैं
फिर क्या करे हमे एक दूसरे की आदत हैं
तू अपनी शीशागरी का हुनर न कर जायां
मैं आईना हूँ मुझे टूटने की आदत हैं
मैं क्या कहूँ कि मुझे सब्र क्यों नहीं आता
मैं क्या करूँ कि तुझे देखने की आदत हैं
दिल में भी वहीं फासले फ़िराक के हैं
की उसको नींद मुझे रतजगे की आदत हैं
की ये खुदजीयती कब तक सृजन तू भी उसे न याद कर
जिसको सब कुछ भूल जाने की आदत हैं-
बहुत गलत है,ये जो मेरे साथ हो रहा हैं,"
हँसके जिंदगी गुजार रहा हूँ,दिल अंदर ही अंदर रो रहा हैं।
और बिगड़ते काम देख के बहुत तकलीफ होती हैं
मैंने तो किसी के साथ बुरा नहीं किया फिर मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा हैं.।।-
कैसे हम जियेंगे अगर ये सोचते रहेंगे
ज़िन्दगी के हर कदम पर लोग क्या कहेंगें
खुद के चाहो रास्तो पर कैसे ही बढ़ेंगे
रूक गए ये सोचकर के कि लोग क्या कहेंगे।।-
कश्ती तेरा नसीब चमकदार कर दिया,
इस पार के थपेड़ों ने उस पार कर दिया.।
अफवाह थी कि मेरी तबियत खराब है.,
लोगो ने पूछ-पूछ कर बीमार कर दिया.।।-