यह कितनी सहज सी बात है, पेड़ पर नए पत्ते आते हैं और पुराने पत्ते अपना जीवन जीकर मूल में मिल जाते हैं। यह प्रकृति का चक्र है,सबके लिए। पर मनुष्य के लिए यह स्वीकृति बड़ी कष्टमय होती है,पर जरूरी है ये..बहुत ही जरूरी।यह स्वीकारना जरूरी है कि उपज के लिए पुराने पत्तों का मिट्टी में मिलना जरूरी है,ये चक्र चलते रहना चाहिए।
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Explorer from heart
Learner from nature
Hopeful from birth
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खुशी और आज़ादी का रास्ता डर से मुखातिब होकर गुजरता है।
बस चाहिए इतना कि इस डर का सामना बेख़ौफ़ होकर करना ही इंसान का निर्णय हो।-
जीवन की भागदौड़ में वक़्त की शिकायत थी,
अब वक़्त है तो उस वक़्त से भी शिकायत है कि इतना वक़्त क्यूं!!
हम मरते रहते हैं वक़्त के लिए
अब वक़्त है तो मर रहे हैं इतना वक़्त क्यूं!!-
हम इंसान पता नहीं किस चीज़ के पीछे भागते रहते हैं,
मुझे तो लगता है,उम्मीद,प्यार और विश्वास को गले लगा लेना चाहिए,
क्यूंकि ये वो धागे हैं जो इंसान के अंतरात्मा से जुड़े होते हैं।-
इश्क़ की खुश्बू ही रूह को भाती है।
हर एक रूह इस खुश्बू के लिए ही इस लोक में विचरण करती रहती है..
तृप्त हो जाती है हर रूह ओढ़कर इश्क़ की रूहानी खुश्बू।-
This independence day,
Free yourself from all the chains of negative emotions!!
Make a choice to be rich with love, peace, compassion, humanity and integrity.
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जब काले बादल आते हैं तो हम ये आभास कर लेते हैं कि बारिश होगी,
और फिर हम बारिश के मौसम का मजा लेते हैं।
इसी तरह अगर हम बुरे वक़्त का आभास कर ले तो शायद थोड़ा आसानी से जीवन का पाठ सीख कर आगे बढ़ सकेंगे।-
पैसे कमाने के लिए, हम ज्ञान बढ़ाते हैं,
सफलता पाने के लिए, हम मेहनत बढ़ाते हैं,
उसी तरह प्रेम पाने के लिए, हम खुद से प्रेम क्यूं नहीं करते?
जबतक खुद से गुफ्तगू नहीं होगी,खुद से इश्क़ नहीं होगा
हम कैसे किसी और से इश्क़ कर पाएंगे या इश्क़ की उम्मीद रख सकते हैं!-
Everything would be easy..
If..
We start considering others as a same human being with same physical existence of brain and body.-
मन की लड़ाई बड़ी हो जाए जब
लोगों की परवाह कम हो जाए जब
जीवन एक नाटक लगने लग जाए जब
खुद का किरदार समझ में आ जाए जब
समझ लेना, इंसान बन गए हो तब।-