मुश्किलों में मुश्किल बढ़ाती है,
हमे लड़ना सिखाती है।
सिमटे हुए को बिखरना,
और बिखरे को समेटना सिखाती है।
ज़िन्दगी यू ही ज़िन्दगी नही बन जाती है।।-
आना कभी बारिश में भीगना सिखाएँ गे,
कुछ देर के लिए इस भागते शहर को ठहरा दिखाए गे।
कि मिल कर गुन गुना लेगें कोई गीत,
आना बारिश में तुमको चाय पिलायें गे।।-
कैसे बताऊँ, कैसे समझाऊँ,
अब तो ये सुनना भी भूल गया है।
सोया है कब से चादर ओढ़,
अब तो हँसना भी भूल गया है।
माँ तेरे बिना ये घर रूठ गया है।।-
हमारा भी कभी दिल जला है,
यू ही हम दिल जले नही है।
हमने भी लगाए है उनके गलियों के चक्कर,
आशिक़ है हम छिछोरे नही है।।-
Three classes on Google Meet
Two classes on Zoom
One Class on Jio meet
डाटा खत्म......, दिन खत्म.......
हम खत्म....
यही है हर रोज की कहानी
राधे राधे।-
तुम वो मुद्दा हो जो मेरे दोस्तों में,
जानने वालों में हर वक्त उठ जाती हो।
थोड़ी सी बहस के बाद
फिर मेरे दिले में कैद हो जाती हो।-
दिमाग, दिल, मन सब मुकर जाते है जब वो पास से गुज़र जाते है।
यू तो बाते महफ़िलो में उनकी करता हूँ लेकिन उनसे बात के लिए जुबान ही चिपक जाते है।
और ये जो डायरी है इनके हर पन्ने पर उनका जिक्र होगा,
फिर भी उनके सामने अल्फ़ाज़ खत्म हो जाते है।।-
कभी एक क्लास, एक ब्रांच, एक स्कूल अपने ठिकाने थे।
वक्त की चाल बदली,
आज अलग रास्ते है, अलग मंजिल है, अलग-अलग मिलने के ठिकाने है।
ये मेरे दोस्त मेरे अजीज स्कूल के जमाने के है।।-
घर वाले ना मेरी सुनते है, ना मैं घर वालो का सुनता हूँ।
शायद इसलिए महीने में दो-तीन दिन भूखा, और दो तीन दिन घर से बाहर रहता हूँ।।
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एक ख्याल का ख्याल आ जाता हैं,
जब भी सुकून ढूंढता हूँ।
राधे तेरा याद आ जाता है।।-