किस्मत ने मिलाया था।
और वक्त ने छीन लिया। ❤️-
सरध्वेन्द्र परमार
(SPS)
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Joined 24 December 2017
26 MAR 2022 AT 22:35
तुम्हारा नाम लिखने की इजाज़त छिन गई है जबसे!
कोई भी लफ्ज लिखता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं ! ❤️-
26 MAR 2022 AT 22:29
उसके बिना जीना मुश्किल है!
ये बात उसको बताना और भी मुश्किल है! ❤️-
12 MAR 2022 AT 8:20
ना साथ है किसी का ना सहारा है!
कोई , ना हम है किसी के ना हमारा है कोई ! ❤️
-
3 MAR 2022 AT 23:27
अक्सर रोना आ जाता है!
तुझे याद करके बाकी सब कुछ ठीक है मेरी जिंदगी में! 💔-
26 FEB 2022 AT 22:32
मैं हो तो जाऊ पहले जैसा मगर!
मुझे याद ही नही मैं था कैसा .. !
💔-
25 FEB 2022 AT 20:48
मुकम्मल कहां हुई , ज़िन्दगी किसी की!
आदमी कुछ खोता ही रहा , कुछ पाने के लिए . ❤️-
24 FEB 2022 AT 8:39
तेरे झुमके कि तारिफ करु या ताजमहल कि
या एक शब्द में यह कह दु दोनो मुमताज़ है।।
❤️-
12 FEB 2022 AT 22:52
मुझे मेरी तन्हाई बहुत प्यारी लगती है!
उस समय तेरी यादों के अलावा!
मेरे पास और कुछ नहीं होता । ❤️— % &-
11 FEB 2022 AT 22:26
कोई नुकसान ही ना हो तो!
फिर इश्क़ करने का फायदा क्या! ❤️— % &-