मेरे सुकून, मेरे सखा
तुम बिन मैं जाऊं कहाँ...-
ज़िन्दगी है छोटी, फिर भी उसके हर पल में खुश हूँ
परिस्थिति चाहे कितनी ही बिगड़ी क्यूँ न हो, उस परिस्थिति को सुलझाने में खुश हूँ,
5स्टार भोजन न सही, दाल-रोटी में खुश हूँ
बाहर घूमने का मौका न सही, अपने daily routine walk में खुश हूँ,
अगर मुझसे कोई नाराज है, तो उसके उस अंदाज़ से खुश हूँ
जो हमें ना-पसंद करें, उसके इस नजर-अंदाज़ से खुश हूँ,
जो कभी मिला नहीं, उसको सोच कर खुश हूँ
बीत चुके पल की, मीठी याद में खुश हूँ,
जैसा time जा रहा है, फिर भी उसके आज में खुश हूँ
ज़िन्दगी है छोटी, तब भी उसके हर पल में खुश हूँ,
अगर दिल को अच्छा लगा ये, तो जवाब देना
वरना मैं तो बिना जवाब के भी खुश हूँ...
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कद्र करना जनाब अपने माँ-पा की,
न जाने कितने sacrifice किये होंगे उन्होंने, तुम्हें इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए...-
मेरी Life की favourite स्त्री,
जी हाँ दोस्तों, वो हैं मेरी " माता श्री "...-
खुद के वजूद को छलनी कर, हँसते हुए सबके वार सह जाती है
वो कोई और नहीं जनाब, यही तो "माँ" कहलाती है...
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तकलीफ-ए-वक़्त में हँसकर जिओगे क्या,
चाय लायी हूँ अदरक वाली, पिओगे क्या...-
आजकल की पीढ़ी तलाश रही है तरकीब जीने की,,
दो पल बैठकर अपने माँ-पा के साथ बिताओ, ज़िन्दगी जीने का हुनर सीख जाओगे...-
कुछ चेहरे हुए बेनक़ाब, कुछ अभी भी बाकि है
हे प्रभु, बहुत मिल गए सबक, इस जन्म के लिए इतना तजुर्बा काफ़ी है...-
कठिन परिस्थितियां किसी को "bitter" बना देती है,
तो किसी को खुद का "better version"...-
न जाने कितने ही रिश्तेदारों के शिकार हो गए,
गलतियां कुछ न की, फिर भी उनकी नजरों में गुनेहगार हो गए...-