spartan nassu   (nasar)
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blood group--tea positive
belong to jupiter
Day of arrival on earth - 4th oct.
Joined 15 March 2018


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Day of arrival on earth - 4th oct.
Joined 15 March 2018
10 NOV 2023 AT 4:04

इक़ शख़्स को पा लेने के सबब ये कि मैं लिखना भूल गया

पहले जगाई थी इसी ने सारी रातें , अब मैं जगना भूल गया

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4 DEC 2022 AT 8:08

उसने पूछा, क्या कभी रिस्क लिया है
मैंने कहा , हाँ मैंने इश्क़ किया है

उसने कहा, मय-कदे गये होंगे कभी तो
मैंने कहा नहीं, हमने बस आँखों का अश्क पीया हैं

उसने कहा,टूट के बिखर गये होंगे तुम तो
मैंने कहा नहीं, मैंने बर्बादी पर 'रक़्स' किया है

उसने कहा, बातें अच्छी बना लेते हो
मैंने कहा, हमने हालात से इल्म लिया हैं

आख़िरकार उसने कहा,तुम चुप ही रहो 'नसर'
मैंने कहा,पहले सवाल ही तुमने किया है

-नसर

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29 SEP 2022 AT 18:39

टकराई तो नज़रें थी,पर ज़ख़्मी 'दिल' हो गया

इक़ बेक़सूर,फ़िर अपना ही 'क़ातिल' हो गया

इल्म-ओ-अदब की बात करने वाला वो शख़्स 'नसर'

इश्क़ के अंजाम तक आते आते 'जाहिल' हो गया

-nasar

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28 SEP 2022 AT 4:55

सुनने में आया कि वो इश्क़ में हार गया

किसी का 'तीर-ए-नज़र' उसे मार गया

शाम की महफ़िल का इक़ मेरा यार 'नसर'

फिर उसे घर जाना था,पर वो 'बार'🍾 गया

-nasar





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19 SEP 2022 AT 4:43

फ़िर उस 'दिन' के बाद,न शाम हुई न रात हुई

ये तब शुरू हुआ,जब आख़िरी दफ़ा उससे बात हुई

न जाने कैसे 'नसर', एक 'शहर' में तबाही हुई

खँगाला अख़बार तो ,न तूफाँ आया न बरसात हुई

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3 JUL 2022 AT 17:01

फ़िर सारे के सारे मुकर गए 'नसर'
फिर उस क़बीले में कोई 'वादा' न हुआ

फिर दिल्लगी ही की,हर किसी ने हर किसी से
फिर उस बस्ती में कभी,'मोहब्बत' का दावा न हुआ

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30 MAY 2022 AT 14:17

मेरे कूचे से तो नहीं खरीदी,तो फिर शराब थोड़ी है

मेरे शहर का तो नहीं महबूब तेरा,तो फिर ख़राब थोड़ी है

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27 MAY 2022 AT 3:32

कहते है इश्क़ में सितमगर हज़ार देखे

पर मैनें तो उनकी आँखों में आँसू ग़द्दार देखे

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22 MAY 2022 AT 22:51

कब अहम था , असर मुहब्बत का
अब न होगा , सफ़र मुहब्बत का

जब सुना , टूटना सुना दिल का
फिर न पनपा , शजर मुहब्बत का

साल बीते , सितम सहे उसके
पर न देखा , पहर मुहब्बत का

अब ज़माना , कहाँ रहा यारों
है न कोई , शहर मुहब्बत का

मैं कहाँ तक , बयाँ करूँ क़िस्सा
सब वहम था , 'नसर' मुहब्बत का
-nasar


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16 MAY 2022 AT 14:52

फिर समझ 'तारी' हो गई सब के सब पर

फिर उस क़बीले में किसी को 'मुहब्बत' नहीं हुई

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