हमसफ़र
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परख न सकोगे ऐसी शख्सियत है मेरी,
मैं उन्ही के लिए हूँ जो जाने कदर मेरी...😍😍
काबिलियत पर शक के बजाय यकीन किया जाए,
तो उंगलियां उठाने वाले भी तालियां बजाना शुरू कर देंगे!-
कहने को तो बात सब से होती है मेरी
पर दिल खोल के बात किये जमाना हो गया-
उसके बदलने से मेरे संभलने तक का ये सफर...
मुझे बेहतर से बेहतरीन कर गया-
किसी के जख्म पर चाहत से पट्टी कौन बांधेगा, अगर बहनें नहीं होंगी तो राखी कौन बांधेगा…
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मैंने हर जख्म की उम्र गुजारी है
ये जिंदगी मेरा आखिरी दुख है-
खुलने लगे है शहर आओ मुलाकात करेंगे,
फ़ोन मत लाना, हम बात करेंगे।-
ना किसी से शिकायत है, ना किसी से अनबन है,
अब बस ज़िंदगी मे अकेले चलने का मन है।-