दुनिया ने तो लगाए इल्जाम मुझ पर,
क्या तुम मेरी बेगुनाही की गवाई दोगी?-
Sourbh Gupta
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Joined 14 November 2018
26 SEP 2021 AT 23:10
12 JUL 2021 AT 23:05
मंजिल पर पहुंचने की दौड़ मैं,
मैं भागता चला गया,
पहुंच कर मंजिल पर अहसास हुआ,
सफर तो कही छुट गया।
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18 SEP 2020 AT 13:17
ये दर्द ना होता, तेरे छोड़ जाने का,
तुझे मिलने से पहले, काश! नींद से जगा देता कोई-
14 AUG 2020 AT 0:03
लिखता हूं जब भी दर्द मेरा,
सोच सोच कर, हर शब्द लिखता हूं,
डरता हूं तू बदनाम ना हो,
नाम आने से पहले, मिटा देता हूं।-
8 AUG 2020 AT 22:35
होती ना बाकी अगर, थोड़ी भी मोहब्बत तुझमें,
यूं फेर ना लेती मुंह, मुझे अलविदा कहके।-
8 AUG 2020 AT 10:25
तेरा प्यार है, या भुलभुल्या?
हर क्षण, कुछ नया पाता हूं।
जब लगता समझ लिया, और उलझ जाता हूं।
दौड़ सकता नहीं, रुक सकता नहीं,
रास्ते बहुत है, पर मंजिल नहीं,
तेरा प्यार है, या भुलभुल्या?
कैसे आया अंदर, अहसास नहीं,
बाहर जाने का, कोई मार्ग नहीं।-
14 APR 2020 AT 17:14
मत करना मेरी, मोह्बत का ऐतबार, तू कभी,
दीवाना आशिक़, सच्ची मोह्बत, मिलन रूहानी,
मुझे सब किस्से से लगते है।-