दुनिया ने तो लगाए इल्जाम मुझ पर,क्या तुम मेरी बेगुनाही की गवाई दोगी? -
दुनिया ने तो लगाए इल्जाम मुझ पर,क्या तुम मेरी बेगुनाही की गवाई दोगी?
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मंजिल पर पहुंचने की दौड़ मैं,मैं भागता चला गया,पहुंच कर मंजिल पर अहसास हुआ,सफर तो कही छुट गया। -
मंजिल पर पहुंचने की दौड़ मैं,मैं भागता चला गया,पहुंच कर मंजिल पर अहसास हुआ,सफर तो कही छुट गया।
कुछ भी महफूज़, नहीं है बाहर,आ, तुझे दिल में छुपा लू। -
कुछ भी महफूज़, नहीं है बाहर,आ, तुझे दिल में छुपा लू।
ये दर्द ना होता, तेरे छोड़ जाने का,तुझे मिलने से पहले, काश! नींद से जगा देता कोई -
ये दर्द ना होता, तेरे छोड़ जाने का,तुझे मिलने से पहले, काश! नींद से जगा देता कोई
लिखता हूं जब भी दर्द मेरा,सोच सोच कर, हर शब्द लिखता हूं,डरता हूं तू बदनाम ना हो,नाम आने से पहले, मिटा देता हूं। -
लिखता हूं जब भी दर्द मेरा,सोच सोच कर, हर शब्द लिखता हूं,डरता हूं तू बदनाम ना हो,नाम आने से पहले, मिटा देता हूं।
एक भूल थी,भूलाई नहीं जा रही। -
एक भूल थी,भूलाई नहीं जा रही।
होती ना बाकी अगर, थोड़ी भी मोहब्बत तुझमें,यूं फेर ना लेती मुंह, मुझे अलविदा कहके। -
होती ना बाकी अगर, थोड़ी भी मोहब्बत तुझमें,यूं फेर ना लेती मुंह, मुझे अलविदा कहके।
तेरा प्यार है, या भुलभुल्या?हर क्षण, कुछ नया पाता हूं।जब लगता समझ लिया, और उलझ जाता हूं।दौड़ सकता नहीं, रुक सकता नहीं,रास्ते बहुत है, पर मंजिल नहीं,तेरा प्यार है, या भुलभुल्या?कैसे आया अंदर, अहसास नहीं,बाहर जाने का, कोई मार्ग नहीं। -
तेरा प्यार है, या भुलभुल्या?हर क्षण, कुछ नया पाता हूं।जब लगता समझ लिया, और उलझ जाता हूं।दौड़ सकता नहीं, रुक सकता नहीं,रास्ते बहुत है, पर मंजिल नहीं,तेरा प्यार है, या भुलभुल्या?कैसे आया अंदर, अहसास नहीं,बाहर जाने का, कोई मार्ग नहीं।
जो तेरे त्याग को दर्शाए,ऐसे शब्द कहां से लाऊं?मां... -
जो तेरे त्याग को दर्शाए,ऐसे शब्द कहां से लाऊं?मां...
मत करना मेरी, मोह्बत का ऐतबार, तू कभी,दीवाना आशिक़, सच्ची मोह्बत, मिलन रूहानी,मुझे सब किस्से से लगते है। -
मत करना मेरी, मोह्बत का ऐतबार, तू कभी,दीवाना आशिक़, सच्ची मोह्बत, मिलन रूहानी,मुझे सब किस्से से लगते है।