तुम्हारे मेरे इश्क में
तुम और में
महत्वपूर्ण नहीं हे
महत्वपूर्ण हैं,
वो तीसरा व्यक्ति
जिसकी वजह से,
हम मिल पाते हैं-
जान जाओगे मुझे, थोड़ा पड़ तो लो, थोड़ा समझ तो लो
मुझे ओर लि... read more
गुलाबी होठ नहीं
बालो में ना कजरा
ना कोई फूल
ना रंग बिरंगी आंखे
ना अपनाई तुमने ये नई संस्कृति
कितनी सादगी हे तुम्हारे इश्क में-
में इज़हार भी कर दु, तो क्या
तुम फिर भी जान के अंजान रहते हो।— % &-
जाओ तो जलाए जाना अपनी यादें साजो सामा,
में जलाऊंगा तो कुछ बचाके रख लुंगा उनमें से भी।-
में हर रोज़ एक गुलाब खरीदता हूं और वापस लोटा देता हूं
ये तुम्हें देने की हिम्मत कब होगी मूझे?-
इतनी कितनी महोब्बत करने लगे हो हम से,
की हम से ज्यादा हमारी यादों में खोए रहते हो-
ये हर रोज किसी न किसी से प्यार हो जाता है,
में उसे भुला क्यों नहीं पा रहा हु ।-
नदियों, पहाड़ो, गुलाब के बारे में लिखना शुरू किया था हमनें,
ना जानें कैसे धीरे धीरे कविताएं तुम्हारी बनती गई।-
जो झांका करते थे खिड़कियों से? हमारे लिएं
अब वख्त कुछ और है उन खिड़कियों के खुलने का ।-
रिश्ते टूट जाते हे हवाओं में कहीं,
कुछ रिश्तों को तोड़ने आंधी आती है।-