चलो जाने दिया तुमको अब ना रोका करूंगा,
प्यार की बची किश्तें अकेला ही भरूंगा,
मोहब्बत के वो सारे पल जो बेहद हसीं थे,
वो सारे लम्हे अपनी यादों में ज़िंदा रखूंगा,
जब भी कभी वो दौर तुम मुड़कर के देखोगी,
मै वहीं उस दौर में भटकता मिलूंगा,
तुम चाहती हो उसको यकीनन वो भी तुम्हे चाहेगा,
पर जैसे मरता हूं मै तुमपे ना कोई और मरेगा,
साजिशों को तुम्हारी जब कभी बेपर्दा करूंगा,
साजिशें भी उस दिन खुद पे ही शर्मिंदा करेंगी,
जो घाव तुमने है दिए वो तो भर ही जाएंगे,
लेकिन उसका ज़हर कुछ ऐसा चढ़ेगा,
तुम्हारे हाथों एक कत्ल तो ज़रूर होगा,
लेकिन उसमें में मरने वाला ज़िंदा मरेगा।।
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