डूब जाऊं या छूट जाऊं
खुश रहूं या रूठ जाऊं,
कितने ही किस्से सुनें हैं झूठे तुझसे !
तू ही बता
ठहरा रहूं या सबको ही मैं भूल जाऊं।
डूब जाऊं या छूट जाऊं
खुश रहूं या रूठ जाऊं।
✍️ सौरभ तामेश्वरी-
दिखाने को नहीं अब कोई भी नादानी,
जो भी है सबका नाम जिम्मेदारी ही बचा।-
रंगोली के रंग अब भी गाड़े हैं
गन्नों की मिठास वही पहले वाली है
घरों के बाहर टंगी लाईटें भी तेजी से टिमटिमाते जा रही हैं,
जल रहा है दीपक
उजाला हो रहा है
आसमान में भी शोर भारी हो रहा है।
हर छत से रॉकेट टेक ऑफ कर रहा है,
छोटू अपने चकरी-अनार चला रहा हैं
कोई बाहर वाले गेट पर खड़ा होकर
अपनी फुलझड़ी जला रहा है,
नायरा अपने फोन से रील्स बना रही है
साथ में वो बार-बार इंस्टाग्राम पर
लाइव भी जा रही है,
स्नैपचैट से फोटोज लेने का काम तो राहुल भी कर रहा है।
यहाँ कॉलोनी में हर घर त्योहार मन रहा है।
मैं ऊपर बालकनी में खड़ा होकर ये सब देख रहा हूँ
आंखें नम हैं,
अकेला हूँ इसलिये खुदमें ही खोकर
अपने आप से बहुत कुछ पूछ रहा हूँ...
अगर मैं घर पे होता तो ये सब कर रहा होता ? ?
✍️ सौरभ तामेश्वरी-
वजहें कई हैं मुस्कुराने की
बस तुम खुदको सम्भाले रखो,
परीक्षा के पहले भी और हार जीत के बाद भी
मुस्कुराते हुए चलते चलो,
तुम बड़े चलो।
बड़े चलो उस रास्ते पर जो बेहतर की ओर ले जाये
जो तुम्हें तुमसे ही मिलाये।
नहीं पता कि हारोगे या जीतोगो
सीखोगे इस बात का विश्वास बनाये रखो,
मुस्कुराते हुए चलते चलो
परीक्षा के पहले भी और हार जीत के बाद भी
बस तुम मुस्कुराते रहो
तुम बड़े चलो।
✍️ सौरभ तामेश्वरी-
मैं खुदमें खोया हुआ एक आजाद परिंदा हूँ,
खुद में हूँ
इसीलिए तो जिंदा हूँ।
✍️ सौरभ तामेश्वरी-
लड़ाई झगड़ों के इनके किस्से हैं कई,
सुख-दुःख में एक दूसरे के हिस्से हैं दोनों ही।
कोई बात हुई तो समाधान निकाल लेते हैं,
भाई-बहन का मतलब....
दोनों ही हैं हिम्मत एक-दूसरे की।
✍️ सौरभ तामेश्वरी-
गजब है वो बात जो हर एक को पसंद आ जाये,
गजब है वो याद जो खुशियां दे जाये,
गजब है वो हार जो सीख दे जाये,
गजब है वो सफर जो सुगम रहे,
गजब है वो शख्स जो साथ अपने मुस्कान रखे।
सब कुछ गजब है सिवाय इस बात के जिंदगी में मजे नहीं !
देखने की जरूरत महज है......
मुस्कुराते हुए लोग माँ-बाबा और साथी,
हर वो पल जो जी रहे हो
खुशियां उसी हैं उसमें महसूस करो,
सुबह निकलती सूरज की किरणें
शाम ढलती उसकी लालिमा
गजब है देखो उसे,
छोटों का प्यार, बड़ो का दुलार
इनका स्नेह भी गजब है
ध्यान दो कभी,
गज़ब है हर उस इंसान का साथ जो हमारा है और हम उसके अपने।
गजब है सबकुछ ही
तुम बस दृष्टि को गजब रखो।
गजब हूँ मैं भी, तुम और हम सब।
गजब हैं।
✍️ सौरभ तामेश्वरी-
कुछ लोग कब जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाते हैं
पता ही नहीं चलता,
कब खुशियों के समय सबसे पहले याद आने का कारण बन जाते हैं
पता ही नहीं चलता,
जिन्दगी की बड़ी-बड़ी चुनौतियों को भी उनकी सांत्वनाओं और देखभाल के बीच हम खत्म करते जाते हैं
पता ही नहीं चलता.
पता ही नहीं चलता ! वो कब और से अपने,
आम से खास बन जाते हैं।
जिनके साथ होने से समय का,
मुस्कुराने की वजह का,
सकारात्मक ऊर्जा की वजह का
संघर्ष में भी हौंसलों के मिल जाने का
पता ही नहीं चलता।
✍️ सौरभ तामेश्वरी-
टूटो नहीं कभी !
तुम हो, सिर्फ तुम ही
जो बदलेगा तुम्हे।
बढ़ने में गति देगा जो तुम्हे
वो हो सिर्फ तुम ही।
ये बाधाएं, रुकावटें सब बदलाव के संकेत हैं
इनसे बिन लड़े जो थक गए
फिर क्या तुम हो और हिम्मत तुम्हारी !
सजग रहो, सम्भले रहो, चलते रहो
किस्मत में है जीत तुम्हारी।
बढ़ते रहो, टूटो नहीं कभी !
तुम हो, सिर्फ तुम ही हो
जो बदलेगा तकदीर तुम्हारी।
टूटो नहीं कभी........
✍️ सौरभ तामेश्वरी
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दुनिया जानने के लिए निकलो तो पहले जानों अपने क्षेत्र को, फिर आगे बढ़ो।
:- सौरभ तामेश्वरी-