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भारत जमीन का टुकड़ा नहीं,
जीता जागता राष्ट्रपुरुष है।
हिमालय मस्तक है, कश्मीर किरीट है,
पंजाब और बंगाल दो विशाल कंधे हैं।
पूर्वी और पश्चिमी घाट दो विशाल जंघाये हैं,
कन्या कुमारी इसके चरण हैं,
सागर इसके पग पखारता है।
यह चंदन की भूमि है, अभिनंदन की भूमि है,
यह तर्पण की भूमि है, यह अर्पण की भूमि है।
इसका कंकर-कंकर शंकर है,
इसका बिन्दु-बिन्दु गंगाजल है।
हम जियेंगे तो इसके लिए,
मरेंगे तो इसके लिए।
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं 🇮🇳-
I Think Our Job As Parents Is To Give Our Kids Roots To Grow & Wings To Fly...
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*हित चाहने वाला पराया भी अपना है और अहित करने वाला अपना भी पराया है।*
*रोग अपनी देह में पैदा होकर भी हानि पहुंचाता है और औषधि वन में पैदा होकर भी हमारा लाभ ही करती है।*-
"नम्रता से बात करना, हर एक का आदर करना, शुक्रिया अदा करना और यदि आवश्यक हो तो, माफी भी माँग लेना, ये गुण जिसके पास हैं, वो सदा सबके करीब औऱ सबके लिये खास है।"
कभी कभी..,
“मजबूत हाथों” से पकड़ी हुई,
“उँगलियाँ” भी छूट जाती हैं…;
क्योकि
“रिश्ते”ताकत से नहीं,
दिल से निभाये जाते हैं…!-
मेहनत सीढ़ियों की तरह होती है
और भाग्य लिफ्ट की तरह.
किसी समय लिफ्ट तो बंद हो सकती है पर सीढियां हमेशा ऊँचाई की तरफ ले जाती हैं.-
किसी व्यक्ति की वर्तमान स्तिथि
देखकर उसका मज़ाक मत उड़ाओ,
क्योंकि समय में इतनी ताक़त है
की वह कोयले के टुकड़े को भी
हीरे में बदल देता है...-