Sourabh Jain  
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Purpose of the life is the life of purpose.
Joined 4 March 2018


Purpose of the life is the life of purpose.
Joined 4 March 2018
26 NOV 2021 AT 8:58

संविधान का संक्षिप्त परिचय

संविधान में है विधान नव,
भारत के निर्माण का।
निर्माताओं का नाम वही,
जो नागरिक हिंदुस्तान का।।

है प्रत्यक्ष-परोक्ष प्रमाण यह
अधिकारों के उत्थान का।
प्रजातंत्र का आधार यही,
जो संविधान हिंदुस्तान का।।

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15 AUG 2020 AT 13:20

Live and let live

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14 AUG 2020 AT 9:51

स्व-संवाद

Me to Myself:
"अब दिन में भी प्रकाश न होता
अपने होने का आभास न होता
कड़ी मेहनत पर विश्वाश न होता
शुद्ध हवा में भी उच्छवास न होता" 1/3

Analysis:
"परिश्रम पर अविश्वास न होता
उम्मीदों का विनाश न होता
काश ये अवकाश न होता
शायद तू भी निराश न होता" 2/3

Myself to me:
"निशा घनघोर हो पर प्रकाश होता है
हर भोर में एक नया अहसास होता है
पेट खाली हो फिर भी सुहास होता है
जिनको अपने श्रम पर विश्वास होता है" 3/3

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2 OCT 2019 AT 9:40

लगता है अब मैं देश के लिए बुज़ुर्ग हो गया हूँ। मेरे विचार लोगों को अजीबोगरीब जान पड़ते है। मेरी हालत हर एक उस बुजुर्ग की तरह हो गयी है जिसने अपनी सारी जिंदगी बच्चों की तरक़्क़ी उन्नति में गमा दी और अंत मे उसके वही बच्चे उसे "बुड्डा सटया गया है" ऐसा समझ कर छोड़ देते है। ग़ैर मैं भगवान से आज भी आपकी तरक्की की कामना करता हूँ। अंत मे यही कहूंगा कि "सत्य-अहिंसा" से बड़ा कुछ भी नही है।

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23 JUL 2019 AT 23:36

Karnataka Legislative Assembly is called as "Vidhana Soudha" in Kannada.

Horse-trading : Isn't it a Souda?

Then what's wrong bro..!

#KarNataka

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9 MAY 2019 AT 9:18



अगर आप समझते है कि दुनिया मे समझदारों की कमी है तो ये आपकी समझदारी पर सवालिया निशान खड़ा करता है।।

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16 MAR 2019 AT 16:39

एक चिड़िया के बच्चे चार
घर से निकले पंख पसार
पूरब से पश्चिम को आये
उत्तर से दक्षिण को आये
घूम लिया है जग सारा
अपना घर है सबसे प्यारा ।।

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13 MAR 2019 AT 9:03

शब्दों में बयान करना
काबिलियत नहीं
कलम से बखान करना
हैसियत नहीं
किसी से तुलना करना
मुमकिन नहीं
कितना भी कमजोर क्यों न हूँ
पर हृदयस्थ तुम हो
और सिर्फ तुम हो।

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13 MAR 2019 AT 8:35

'प्रणाम'

वेश-भूषा
जिसने रख दी उतार
अस्त्र-आयुध से
जो हुआ पार
देख कर लगा उसे
दिगम्बर हो जाना
अपने आप में है
अपना श्रृंगार
सर्व मैत्री
सर्वप्रेम
और अप्रितकार
लहराता है
प्रति क्षण जिसमे
करुणा का
पारावार
प्रणाम उसे
मेरा
बारम्बार...!!

मुनिश्री क्षमासागर जी
(समाधि दिवस -13 मार्च)

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7 MAR 2019 AT 10:54

उपलब्धि

उपलब्धि के नाम पर
मैंने क्या पाया है,
यदि यह पूछते हो
तो सुनो -
मैंने पायी है
एक जगह
जहाँ मैं अपने को
खो पाता हूँ,
जहाँ मैं अपने को
पा जाता हूँ,
जहाँ मैं
और अकेला मैं रहता हूँ ।

-मुनि श्री क्षमासागर जी

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