वो कहती रही- पापा, आज सोने दो,कम से कम रोज़ की तरह अँधेरा तो होने दो,मैंने दीवारों को भी उसकी आवाज़ में चीखते सुना है! - सौरभ
वो कहती रही- पापा, आज सोने दो,कम से कम रोज़ की तरह अँधेरा तो होने दो,मैंने दीवारों को भी उसकी आवाज़ में चीखते सुना है!
- सौरभ