यूं ही वक्त बर्बाद करती रहती हूं,
सारा दिन फरियाद करती रहती हूं,
सुनो! तुम्हें हिचकी तो आती ही होगी,
मैं तुम्हें हर पल याद करती हूं,
ओए! वहम में न रहना,
मैं यूंहीं मजा़क करती रहती हूं 🤭🤭-
तेरी तस्वीर है जिसे देखे बिन रहा नहीं जाता,
ये दिल का दर्द है ऐसा जो कहे बिन रहा नहीं जाता,
मोहब्बत नाम है मेरे इस दर्द-ए-आशिकी का,
तुम्हारे बिन यह इश्क मेरा मुकम्मल हो नहीं पाता।
😊❤️😍-
•ווו प्रभु श्री राम आ रहे हैं 🙏🏻😊 •ווו
खुल के मुस्कुराओ,
मंगल गीत गाओ,
प्रभु श्री राम आ रहे हैं,
भगवा ध्वज लहराव।🚩🚩
वर्षों की प्रतीक्षा खत्म हुई,
हमरी हो या प्रभु राम की,
"जय श्री राम" का उद्घोष करायेंगे,
हम भी अयोध्या धाम जाएंगे।🕉️🕉️
अब सब पर सद्भाव छायेगा,
अब राम राज युग आयेगा।
🙏😊😍❤️
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:-:-:-: मेरी एक छोटी सी भूल :-:-:-:
भूल गए हम लिखना, खामोशी अपने रात की,
रात को जगना ,रात को पढ़ना, संघर्ष निहित बात रात की।
इन रातों की खामोशी से, इज़हार-ए-इश्क भी करती हूं,
उसे ध्यान कर - कर के मैं , शब्दों की माला बुनती हूं ,
पंक्तियां उसके नाम की , और शब्द भी उसके नाम की,
भूल गए हम लिखना , खामोशी अपनी रात की।
मुझे मेरे प्रेम को पाने में , बस थोड़ा सा तप और है करना,
फल स्वरुप उसे पाने तक , मुझे ध्यान उसी का है धरना,
प्रेमबद्ध इस ध्यान की मेरे , अडिग बात मेरे स्वाभिमान की,
भूल गए हम लिखना, खामोशी अपने रात की।
☺️😊😍❤️-
जख्मो से यूं हताश हुआ नहीं करते,
जो जिंदगी जीते हैं वह मौत से डरा नहीं करते,
ये ज़ख्म ही एक दिन तुम्हारे अलंकार बन जाएंगे,
तुम्हारे कौशल का ये पुरस्कार बन जाएंगे।
😊😊
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::--::--::-- रात ,चांद और वो --::--::--::
आदत सी हो गई है उनको, हमें देखने की,
हम भी ख़बर रखते हैं, उनके हर एक आहट की।
उनको,
हमें देखे बिना चैन भी तो नहीं आता,
बातें करने की,
करते हैं कोशिश हजा़र मगर करना नहीं आता,
आंखें भी तो ऐसी हैं कि बस निहारते रहो,
ये बात उनके मन की है जो उन्हें जताना नहीं आता,
हमें भी ....
आदत सी हो गई है ,उन्हें शर्माकर देखने की,
हम भी ख़बर रखते हैं, उनके हर आहट की।
अच्छा लगता है.....
एक ही छत से उनका ,और दीदार चांद का करना,
जैसे कर लिया हो तय , रोज रात छत पर मिलना,
बातों का क्या है वो , आंखों से कर लेते हैं हम ,
आंखें कहती हैं ......
जैसे अब तो हमें इन , आंखों में ही डूब के है मरना,
रात को....
हम भी बावली बनी हुई हैं, चांद देखने की,
हम भी खबर रखते हैं ,उनके हर आहट की ।
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:-:-:-- मेरा अटका हुआ दिल --:-:-:
कहां ले जाएं इस दिल को,
जो तुम पर ही अटक गया है,
बस तुम्हें देखकर ही तो,
ये मेरा दिल भटक गया है।
अब तुम ही आकर संभालो इसे,
जो तुम पर ही अटक गया है।
😊😊😍😍❣️❣️-
।। बाकी है ।।
एक अरसे से जो कहनी थी , वो दिल की बात बाकी है,
मिलो चाहे ना हर दिन तुम , संडे की मुलाकात काफी है।
खामोशियां बन जाती हैं , अल्फाज तेरे मेरे बीच की,
इन खामोशियों के जरिए , करना इजहार बाकी है ।
है दिल में जो मेरे बात , वो कह देती हूं पन्नों से ,
के पन्नों पर लिखी हर बात को , कर दूं तुम्हें इज़हार बाकी है ।
तुम्हें सोच कर लिख दूं मैं , कुछ ऐसा न सोचा था ,
मगर ! छुपे एहसास को होठों से , कहना यार बाकी है ।
तुम्हें देखा तो ऐसा लगा , कि जैसे तुम हो मेरे जो,
कह दे," तेरी जुल्फों के साए में मुझे मिलती सुकून काफी है"।
सुना है ! जल्द ही चले जाओगे तुमक्ष, दूर यूं मुझसे,
कहूं या ना कहूं जो दिल की , बात तुमसे कहनी बाकी है ।
अधूरी हूं मैं तेरे बिन , मैं कैसे कहूं यह तुझसे ?
कि अधूरेपन की लंबी सी , ये शायद रात बाकी है ।
कि दिल में बस चुके हो तुम , तुम्हें ना भूल पाऊंगी ,
कि जब भी होगी दिल की बात , तुम्हें मैं याद आऊंगी।
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नींद में हूं मैं, एक ख्वाब लिख रही हूं,
सोते-सोते ही सही, कुछ नायाब लिख रही हूं,
ख्वाब में अपने, देखा है तुमको मैंने,
तुम्हें ख्वाब में देखकर , मैं कुछ खास दिख रही हूं ,
जबसे देखा है तुमको, कुछ नायाब लिख रही हूं।
😊😍❤️-
बेबस ना होने दो खुद को,
आजाद़ होकर उड़ने दो दिल को,
अरमानों से भरे इस सफर में,
एक बार अपनाकर देखो सूर्य के इस किरन को।
😊😊😍😍☺️☺️❤️❤️-