Soumya Tiwari   (सौम्य)
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Keeping it real ✍️
Joined 11 May 2022


Keeping it real ✍️
Joined 11 May 2022
2 HOURS AGO

माँ मुझे माफ़ करना
मैंने खुद को है कोसा
मैं बन ना पाया वो
जो तुमने था सोचा
वक़्त देना मुझे और
रखना तुम भरोसा
बदलना है खुद को
बनना चाहता हूँ अनोखा

है बस तुम्हारा साथ
मैं लड़का हूँ इकलौता
किया जो तुमने मेरे लिए
ना कभी मैं सकता लौट़ा
दिल दुखाया तेरा मैंने
हुई है मुझसे भूल कई
कुछ भी हो मेरे साथ
खोना तुम्हें मंज़ूर नहीं

सच कहूं तो अब मुझे
जीने का भी मन ना हैं
हारने वालों से मैं नहीं
मुझे बहुत अभी लड़ना है
नाम हो तेरा रोशन मुझसे
ऐसा कुछ मुझे करना है
सदा रहो तुम मुस्काते
यही मेरी तमन्ना है

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17 JUN AT 15:37

मैं आया करने बातें अपने दिल की
लिखने से हैं शांति मुझे मिलती
हर दिन खुद को निखारो
धीरे धीरे कलियाँ हैं खिलती
कमजोर के लिए दुनिया हैं जुल्मी
जिंदगी तो होती नहीं फिल्मी
उनके नज़र मे हूँ मैं कुछ नहीं
लोगों का क्या वो कहते हैं कुछ भी

कहने दो जो कहते हैं
हम अपने मे रहते हैं
नहीं किसी का सहते हैं
मन के रुख मे बहते हैं
चाहें ये खुद से हम
बुरी आदतें हो मेरी कम
ज़िम्मेदार होके जीने लगे
हो ज्यादा खुशियाँ थोड़े गम

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3 JUN AT 15:02

तब खोलना ही पड़ता हैं
खुद पे जब आये बात
तब बोलना ही पड़ता हैं
जो डरता हैं वो मरता हैं
पहले या बाद
जो खामियों से लड़ता हैं
वो रहता आबाद

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2 JUN AT 17:36

ये राहें हमे बुलाएं
पाने को जो चाहे
हमसे हैं फ़िज़ायें
सुन क्या बताएँ
ये गीत गुनगुनाएं
ख्वाब दिखाएँ
तेरी कातिल निगाहें
मुझे अपना बनाएं
तुझे यादों मे बसाये
कुछ कहना चाहे
मीट जायेगा अंधेरा
मन के ज्योत जलायें
मन के बोझ दफनाए
बीती बातों को भुलाएं
हम आगे बड़ते जाए
हमे मंज़िल हैं बुलाएं

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31 MAY AT 14:48

भीड़ मे कोई अपना मिल जाएं
कई रास्ते होते सामने
हैं जाना वहाँ जहाँ दिल जाये
सफर से हुआ जो प्यार
तब जाके मंज़िल मिल पाएँ
क्यूं परेशान हैं सब आसान हैं
तेरे लिए हर लम्हा गुनगुनाएँ

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11 MAY AT 21:56

मर्ज़ी सिर पे भारी
तुम बनो खुद के मालिक
बस इतनी हैं गुजारिश
करो इसपे काबू
ये हमे हैं बहकाती
नियंत्रित खुद को रखने से
होगी जिंदगी करामाती

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28 APR AT 12:58

घूमने निकले थे वो लोग
वापस लौट के ना आ पाए
कैसी थी कश्मीर की वादी
बात ये नहीं बता पाए
डर फैलाने की कोशिश को
जिसने दिया हैं अंजाम
धर्म का लेकर नाम
नामर्द का किया हैं काम
पड़ोसी मुल्क मे तो ऐसे
बैठे हुए हैं तमाम
जो बदनाम करते इस्लाम
हो इनका काम तमाम
आपस मे लड़ाने की
साजिश हैं इनकी
भारत को तोड़ने की
ख्वाहिश हैं इनकी
क्यूं आतंकवाद हैं जिंदा
अब भी कश्मीर मे
कैसे ये ना पकड़े जाते
मुद्दा हैं गंभीर ये
उम्मीद हैं जवाब होगा
गलतियों का हिसाब होगा
ज़ख़्मो को उभरना होगा
साथ मिलके हमे चलना होगा

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27 APR AT 0:14

हुए हैं जिंदगी
कभी जागे कभी सोये
हुए हैं जिंदगी
मिली हैं ये ताजगी
तुझी से ज़िंदगी
तु कर मुझपे यकीन
क्यूं हैं नाराजगी
हर पल हैं हसीन
तुझी से जिंदगी

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14 APR AT 23:39

बंगाल मे क्यूं इतना
होता भ्रस्टाचार हैं
धर्म के नाम पे दँगा
क्यूं भड़कता बार बार हैं
प्रशासन क्यूं लाचार हैं
System यहाँ बीमार हैं
Cm हमारी महिला पर
महिलाओं पे अत्याचार हैं
मेरे मन मे ये सवाल हैं
क्यूं राज्य का ऐसा हाल हैं
पुलिस यहाँ दलाल हैं
सारे नेता मालामाल हैं
चलता हैं यहाँ गुंडा राज
चलो उठाए साथ आवाज़
डरता नहीं कहने से सच
ना तो कल ना ही आज

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13 APR AT 23:56

आज, लिखेंगें कुछ खास
कहेंगे कुछ राज़
छेड़ेंगे हम साज़
हैं खुद पे विश्वास।
आज, करेंगे शुरुआत
बदलेंगे हम हालात
बुरे को देंग मात
सचाई का हैं साथ।
आज, बदलेंगे हम अंदाज़
खुद पे करेंगे नाज़
ना आयेंगे हम बाज़
जबतक चले ये सांस।
आज, हैं खुदको आजमाना
मंज़िल मुझे हैं पाना
कुछ भी कहे जमाना
लिखेंगे नया गाना।

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