माँ मुझे माफ़ करना
मैंने खुद को है कोसा
मैं बन ना पाया वो
जो तुमने था सोचा
वक़्त देना मुझे और
रखना तुम भरोसा
बदलना है खुद को
बनना चाहता हूँ अनोखा
है बस तुम्हारा साथ
मैं लड़का हूँ इकलौता
किया जो तुमने मेरे लिए
ना कभी मैं सकता लौट़ा
दिल दुखाया तेरा मैंने
हुई है मुझसे भूल कई
कुछ भी हो मेरे साथ
खोना तुम्हें मंज़ूर नहीं
सच कहूं तो अब मुझे
जीने का भी मन ना हैं
हारने वालों से मैं नहीं
मुझे बहुत अभी लड़ना है
नाम हो तेरा रोशन मुझसे
ऐसा कुछ मुझे करना है
सदा रहो तुम मुस्काते
यही मेरी तमन्ना है-
मैं आया करने बातें अपने दिल की
लिखने से हैं शांति मुझे मिलती
हर दिन खुद को निखारो
धीरे धीरे कलियाँ हैं खिलती
कमजोर के लिए दुनिया हैं जुल्मी
जिंदगी तो होती नहीं फिल्मी
उनके नज़र मे हूँ मैं कुछ नहीं
लोगों का क्या वो कहते हैं कुछ भी
कहने दो जो कहते हैं
हम अपने मे रहते हैं
नहीं किसी का सहते हैं
मन के रुख मे बहते हैं
चाहें ये खुद से हम
बुरी आदतें हो मेरी कम
ज़िम्मेदार होके जीने लगे
हो ज्यादा खुशियाँ थोड़े गम-
तब खोलना ही पड़ता हैं
खुद पे जब आये बात
तब बोलना ही पड़ता हैं
जो डरता हैं वो मरता हैं
पहले या बाद
जो खामियों से लड़ता हैं
वो रहता आबाद
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ये राहें हमे बुलाएं
पाने को जो चाहे
हमसे हैं फ़िज़ायें
सुन क्या बताएँ
ये गीत गुनगुनाएं
ख्वाब दिखाएँ
तेरी कातिल निगाहें
मुझे अपना बनाएं
तुझे यादों मे बसाये
कुछ कहना चाहे
मीट जायेगा अंधेरा
मन के ज्योत जलायें
मन के बोझ दफनाए
बीती बातों को भुलाएं
हम आगे बड़ते जाए
हमे मंज़िल हैं बुलाएं-
भीड़ मे कोई अपना मिल जाएं
कई रास्ते होते सामने
हैं जाना वहाँ जहाँ दिल जाये
सफर से हुआ जो प्यार
तब जाके मंज़िल मिल पाएँ
क्यूं परेशान हैं सब आसान हैं
तेरे लिए हर लम्हा गुनगुनाएँ-
मर्ज़ी सिर पे भारी
तुम बनो खुद के मालिक
बस इतनी हैं गुजारिश
करो इसपे काबू
ये हमे हैं बहकाती
नियंत्रित खुद को रखने से
होगी जिंदगी करामाती-
घूमने निकले थे वो लोग
वापस लौट के ना आ पाए
कैसी थी कश्मीर की वादी
बात ये नहीं बता पाए
डर फैलाने की कोशिश को
जिसने दिया हैं अंजाम
धर्म का लेकर नाम
नामर्द का किया हैं काम
पड़ोसी मुल्क मे तो ऐसे
बैठे हुए हैं तमाम
जो बदनाम करते इस्लाम
हो इनका काम तमाम
आपस मे लड़ाने की
साजिश हैं इनकी
भारत को तोड़ने की
ख्वाहिश हैं इनकी
क्यूं आतंकवाद हैं जिंदा
अब भी कश्मीर मे
कैसे ये ना पकड़े जाते
मुद्दा हैं गंभीर ये
उम्मीद हैं जवाब होगा
गलतियों का हिसाब होगा
ज़ख़्मो को उभरना होगा
साथ मिलके हमे चलना होगा-
हुए हैं जिंदगी
कभी जागे कभी सोये
हुए हैं जिंदगी
मिली हैं ये ताजगी
तुझी से ज़िंदगी
तु कर मुझपे यकीन
क्यूं हैं नाराजगी
हर पल हैं हसीन
तुझी से जिंदगी-
बंगाल मे क्यूं इतना
होता भ्रस्टाचार हैं
धर्म के नाम पे दँगा
क्यूं भड़कता बार बार हैं
प्रशासन क्यूं लाचार हैं
System यहाँ बीमार हैं
Cm हमारी महिला पर
महिलाओं पे अत्याचार हैं
मेरे मन मे ये सवाल हैं
क्यूं राज्य का ऐसा हाल हैं
पुलिस यहाँ दलाल हैं
सारे नेता मालामाल हैं
चलता हैं यहाँ गुंडा राज
चलो उठाए साथ आवाज़
डरता नहीं कहने से सच
ना तो कल ना ही आज-
आज, लिखेंगें कुछ खास
कहेंगे कुछ राज़
छेड़ेंगे हम साज़
हैं खुद पे विश्वास।
आज, करेंगे शुरुआत
बदलेंगे हम हालात
बुरे को देंग मात
सचाई का हैं साथ।
आज, बदलेंगे हम अंदाज़
खुद पे करेंगे नाज़
ना आयेंगे हम बाज़
जबतक चले ये सांस।
आज, हैं खुदको आजमाना
मंज़िल मुझे हैं पाना
कुछ भी कहे जमाना
लिखेंगे नया गाना।-