ना कुछ चाह है ना मांग , बस रहना हमारे साथ
होती है गलतियां, करना चाहूं गलत कुछ काम
हे केशव! बस पकड़ लेना उस दिन हमारा हाथ
कदम डगमगाए, लखड़ाने लगे जुबान, निकले अपशब्द
मनन करू, चिंतन करू! करू मैं उसमे अमल
लगे कार्य नीति,न्याय, शास्त्र, धर्म और अर्थ के विरुद्ध
हे केशव! बस पकड़ लेना उस दिन हमारा हाथ
कलयुग के इस दुनिया में कलयुगी इंसान हूँ
त्रेता के वामन,परशुराम और राम हो
कृष्ण कहू तो आप द्वापर के पालनहार हो
होती है गलतियां, करना चाहू गलत कुछ काम
हे केशव! बस पकड़ लेना उस दिन हमारा हाथ...
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