मेरी कब्र पे मिट्टी डालने के बहाने
तुम अपनी हाथों की मेहंदी दिखा जाना
अगर लगू मै मौत में भी चैन से सोया हुआ
तो एक बार फिर से अपनी बेवफाई के किस्से सुना जाना
#यात्रा में लिखा गया।🚆-
एक मुद्दत से कुछ इस कदर,
मै उसे चाहने लगा हूँ।
कि दुआ जहां सुकून चैन सब पुरानी हुई।
अब तो रात भर खुदा से,
नींद की भीख मांगने लगा हूँ।-
बेपनाह इश्क़ में,
दर्द भी बहुत बेहिसाब है।
कभी दिखता हाथों में फूल गुलाब का,
तो कभी दिखता कोई किताब है।।-
तुम्हारी तो हरेक अदा अब मेरे लिए सितम है,
जैसे होता है कोई कहर-ए-कयामत
बस,, ये उससे थोड़े कम है।-
जाने किसी मानसिक रोग का शिकार हूँ
,,,,,,,, या,,,,,,,
तेरे इश्क़ का पहरेदार हूँ।-
ना मै कभी किसी के इश्क में शहर था
ना कोई कभी इस बात से बेखबर थी।-
भला वो क्या करेगी कद्र किसी के इन्तज़ार की
जिसने आज तक सब कुछ तय समय पर पा लिया है।-
कुछ यूँ इस फ़ज़ा का रूत मुझ पर कहर बनकर टुटा है
कि किसी और शय की मै क्या बात करूँ,
यहाँ तो मेरा शहर ही मुझ से रूठा है।-
इल्म नही है मुझे अभी अपने ही हालात का
औरो ने कहा है की मै आवारा दिखने लगा हूँ
कहीं ये तेरी अशर्फी झलक का कोई असर तो नही
की चल पड़ी है मेरी कलम और मै आज-कल फिर से -लिखने लगा हूँ।-