कि दिल में प्यार था,
फिर हाथ छूट जाने का
दोनों को मलाल था।-
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Lucknowite
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Birthday 7 July🎂
मुझे ही नहीं
बहुतों को संभालती है,
किसी को हस्पताल में भर्ती कराना हो,
किसी का बिजली का बिल कम करवाना हो,
किसी की पेंशन बंधवानी हो,
किसी को सरकारी योजना का लाभ दिलवाना हो,
मुझे मां को रोकना पड़ता है,
उसको याद दिलाना पड़ता है
कि वो खुद की तबियत न खराब करे,
मदद करने के चक्कर में अपने घुटनों का भी ख्याल करे।
पर मां अब बच्चे जैसी हो गई है।
मनमर्जी करती है,
मेरी हिदायत हवा में उड़ा देती है।
मां जैसे मेरा बचपन हो गई
और मैं एक चिंतित मां।-