अपने आप कहना कुछ गुमशुम हो जाना कभी
थके क़दमों से पता नहीं कितनी दूर जाना अभी
कभी सोचना अलग राह में नई शुरुआत की
या फिर उसी रहगुजर में चलते चले जाना अभी
पता नहीं क्या हासिल है तुझसे मुझे-ए- ज़िन्दगी
तुझे सताना है मुझे थोड़ा मुस्कुराना है अभी
ज्यादा कुछ नहीं चाहिए मुझे तुझसे-ए- ज़िन्दगी
बस आखिरी बार खुद को आजमाना है अभी
अभी मत रूठ मेरी नाकामियों से ए-ज़िन्दगी
तुझे ही मेरी फतेह का जश्न मनाना है अभी
अनुराग सोनी
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जैसे कुछ इत्तेफाक से हमे कोई हमारा मिल गया
खुलकर हंसने का नया बहाना अब दोबारा मिल गया
जरा मुश्किल सा था सफर ए जिंदगी अकेले तय करना
कदमों से कदम मिलाकर चलने का सहारा मिल गया
हसीन ख्वाबों झील सैर करने जैसे कोई शिकारा मिल गया
हर लम्हा रोशन उससे मेरी किस्मत का सितारा मिल गया
सुकून से भर जाती रूह आंखों को ऐसा नजारा मिल गया
अमीरी लगती तुम्हारे होने से ताउम्र जीने का गुजारा मिल गया-
अब अच्छा लगता पता नहीं क्यों बस
बातें भी वही जिनमें तुम्हारा जिक्र हो
उलझनें वही जिनमें तुम्हारी फिक्र हो
खामोशियां जिनकी आहतों में तुम हो
नींद भी वो जिनके ख्वाबों में तुम हो
मैं कुछ कम हूं जैसे मुझमें बसी तुम हो
रास्ते वही जिन पर तुम्हारे कदम हों
खुशनसीबी मेरी गर तुमसा हमदम हो-
मुझे कितना प्यार है तुमसे जताना चाहता हूं
राज सारे अपने दिल के तुमसे बताना चाहता हूं
मुझे खुशियों का बेशकीमती खज़ाना तुमसे मिला
मैं उसका कुछ हिस्सा तुम पर लुटाना चाहता हूं
मोहब्बत की गजल बन गई हो तुम मेरे लिए
मैं बस तुम्हे गुनगुनाना चाहता हूं
मेरी जिंदगी की तस्वीर में तुमने सब रंग भर दिए
अब कितनी खूबसूरत है दिखाना चाहता हूं
अंजान से कैसे आज जान बन गए तुम मेरे लिए
सीने में धधक रही तुम्हारी धड़कन सुनाना चाहता हूं
हर लम्हा खुशनुमा है आपके मौजूदगी के एहसास से
मंजिलें जो भी हों हाथ थाम दूर सफर पर जाना चाहता हूं-
अब कोई खुद को खुदा से कम क्यों न समझे गुरुर ने इंसान का कद जो बढ़ा दिया है
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अभी मानता हूं प्यास बाकी हैं मुझमें तो दरिया तक चला जाऊंगा मैं
अभी अपनी शोहरतें गिनने लगा तो बीच सफर में ही थक जाऊंगा मैं
सीधा सहूलियत से रास्ता ढूंढने लगा अगर बीच में भटक जाऊंगा मैं
राह कांटो भरी चुनी आगे गुलाब भी मिलेंगे ऐसे मुकाम तक पहुंच जाऊंगा मैं-
मेरे मौला उसे भी अब खुश रहने का कोई नया बहाना मिल जाए
इम्तेहान और न ले उसका जहां की है उसे वो ठिकाना मिल जाए
तहे दिल से कहे अपना भरी दुनिया में उसे वो बेगाना मिल जाए
है हसरत उसे जिन रिश्तों की तेरी अता में वो खज़ाना मिल जाए
कुबूल हों उसके हक में मुझे ऐसी दुआ करने को रोजाना मिल जाए
ज़मी ओ आसमां एक कर दूं मगर वही उसका मुस्कुराना मिल जाए
कभी जिसमें हंसती जीती थी खुलकर उसे वो रूप पुराना मिल जाए
मैं सारी जन्नतें नजर करूं उसको रब देने के लिए नजराना मिल जाए
चैन ओ सुकून से ताउम्र जिए मालिक तेरी गोद का सिरहाना मिल जाए
हर तमन्ना कामिल हो उसके दिल के बागों को खिल जाना मिल जाए-
लहू जिस्म से निकले क्या तब ही दर्द तकलीफ दिखाई दे सब को
आज अपनों की तोहमत बातों इल्जाम ने ही कत्ल कर दिया मुझको
बेगुनाही पर यकीं खुदा को है किसी और को सफाई नहीं देना मुझको
रूह को मार डाला अपनों ने जिंदा हूं अब मार भी दिया जाए मुझको
अपना ईमान बेचकर अमीर हैं अब दौलत का गुरुर न दिखाए मुझको
खून के छीटों सना खुद का दामन सफेदपोश क़िरदार न दिखाए मुझको
सबके हालातों पर लोग हंसते हैं कोई अब रहमदिली न दिखाए मुझको
गुनाहों का चोला ओढ़ बैठे लोग न मंदिर न दरगाह में भेजा जाए मुझको
झूठे दिखावों में तिजोरियां खाली की सबने कोई रहीशी न दिखाए मुझको
पता कंगाल हैं सब दिल के दरिया दिली के किस्से न सुनाए फिर मुझको
मैं इंसान को इंसान से कमतर समझूं खुदा ऐसी शोहरतें न दिलाए मुझको
जहां हर शक्श मुजरिम है दुनिया में फिर अकेले क्यों सजा दी जाए मुझको-
तुम वापस आई हो जैसे अब जिंदगी में खुशियों की बहार आई हैं
अरसे से बंद दिल के अंधेरे कमरे में फिर उम्मीद की रोशनी आई है
लगता इक मुद्दत के बाद इस भटके हुए मुसाफिर की मंजिल आई है
भरी दुनिया के सामने हक से हाथ थामकर मुझे अपना बनाने आई है
कहती थोड़ी देर हुई आने में जहेनसीब दिल का तोहफा लेकर आई है
खुदा भरम रख लेना मेरे साथ की तुम्हारे पास बहुत आस लेकर आई है
कितने दिनों बाद चहकी मेरे सामने आंखों में खुशी के आंसु लेकर आई है
मैंने कबसे उसको जिंदगी माना था आज जिंदगी जिंदगी के पास आई है
कई सालों बाद कान में इतने प्यार से मेरे ही नाम की आवाज आई है
छूकर जिंदा कर दिया मुझको जिसकी थी उसी के पास लौटकर आई है-
मैं ज़िंदगी के किसी मुकाम पर पहुंच जाऊं मुकम्मल तभी रहूंगा जब उसका हो जाऊं
बहुत गिरा दुनिया की ठोकरों से अब उसने हाथ बढ़ाया तो करम करना संभाल जाऊं
लोगों से मुझको नही उम्मीदें भरम रखना कुछ मांगना हो सिर्फ तेरी चौखट पर जाऊं
राहें जुदा होकर हम दोराहे पर मिले अब नेमत अता करना उसके साथ मंजिल तक जाऊं-