Finding my Zen ...
After a hectic day.-
खामियां बहुत है ,
तो खूबियां भी बहुत हैं
तुम्हारी सोच है
कि .......
तुमको क्या दिखा मुझमें ....
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आशुतोष,
इस मोहमयी निद्रा से मुझे जगा देना।
विषम वेदना की विधियों से मायाधीश छुड़ा देना।।
दिव्य - ज्ञान भण्डार, युगल चरणों की लगन लगा देना।
रूप सुधा की एक बूंद से जीवन मुक्त बना देना।।
एक बार इस मन मंदिर में कीजे पद संचार हरे।।
पार्वती पति हर -हर शंभो, पाहि पाहि दातार हरे.....
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Don't be afraid of being wrong...
This is a natural phase to learn right.....-
विघ्नशत्रून् च नश्यन्तु बलो विद्या वर्ध्दतु ।
सुदिनम् सुदिना जन्मदिनम् तव |
भवतु मंगलं जन्मदिनम् ।।
चिरंजीव कुरु कीर्तिवर्धनम् |
चिरंजीव कुरु पुण्यावर्धनम् ।।
प्रार्थयामहे भव शतायु: ईश्वर: सदा त्वाम् च रक्षतु।-
कोई जपता राम को ऐसे
कोई जपता वैसे
किसी के लिए मात्र एक राजा
और किसी के प्राण
अर्जन सबका अपना अपना
सबके अपने अपने राम
राम स्वस्ति हैं,राम श्रेष्ठ हैं
राम तपस्वी हैं,राम गृहस्थ हैं
धरा के रज-रज, कण-कण में
तारक गण,मंडल में राम
सबके अपने अपने राम
क्रमशः
- सोनिया सूर्यप्रभा
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होहिं सगुन सुभ बिबिधि बिधि बाजहिं गगन निसान।
पुर नर नारि सनाथ करि भवन चले भगवान।।
तुलसीदास जी-
पावन धारा सरयु तीरे
बसा एक है पावन धाम
सदियों से जिसके राजा हैं
अवध दुलारे राजा राम-
एक कतरा समंदर तुम्हारी आंखों में भी है
रो लो जरा सा....
पुरुष ही तो हो
भगवान हरगिज़ नहीं हो...
For men in blue...
On international men's day.
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