मेरी ज़िन्दगी संवर गयी,जब से गुरु का नाम लिया,
मन को समझाया हमने ,दिल से हमने काम लिया।
ज़माने से बनाई राहें बहुत ,बिखर कर टूट जाने की,
हम भी ज़िद्द पर बने रहे,गुरु वचनों का ध्यान किया।
संसार की लकीरों पे चलकर ,थक गये जब पांव मेरे,
तोड़ कर सारी बंदिशों को मुक्ति का इंतज़ाम किया।
मेरी ज़िंदगी संवर गयी,जब से गुरु का नाम लिया,
मन को समझाया हमने,दिल से हमने काम लिया।
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