SoNia Gaikwad   (अनुरक्ता)
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Joined 2 April 2019


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18 JUL AT 17:44

चलकर हर कदम साथ,
मैं समा जाऊंगी तेरी बाँहों में...
तू बस हमारी मोहब्बत को सजाना....

तू कहे तो बरसूँगी भी तेरी महफ़िल में,
मगर पूछे कोई — " कौन है वो? "
तो उन्हें अपनी माशूका बताना...

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16 JUL AT 18:42


तू थोड़ी धूप ही दे सही,
मैं तेरी छाया बन जाऊँ..
तू बन जा मंज़िल मेरी,
मैं तेरी राह बन जाऊँ...
अगर हो जाए तू मोहन मेरा,
तो मैं तेरी मीरा बन जाऊँ...
तू बस रोकना मुझे एक बार,
मैं बार-बार थम जाऊँ...
तू बन जाना गहरा सागर मेरा,
मैं जलधारा-सी तुझमें समा जाऊँ...

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16 JUL AT 8:52


तू थोड़ी धूप ही दे सही,
मैं तेरी छाया बन जाऊं..
तू बन जा मंज़िल मेरी,
मैं तेरी राह बन जाऊं...
अगर हो जाए तू मोहन मेरा,
तो मैं तेरी मीरा बन जाऊं...

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19 JUN AT 11:20

हर इक लफ़्ज़ में उनकी चाहत,
हर इक अश्क में उनका ज़िक्र।
है मोहब्बत तो उनसे बेइंतिहा,
मगर वो इस से अनजान, बेफ़िक्र।

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1 APR AT 19:38

हमें इश्क है उनसे,
और वो किसी और के दीवाने हैं...
हमारे अश्क बहते हैं उन गलियों में,
जहाँ किसी और के फ़साने हैं...

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28 MAR AT 19:54

मोहब्बत का इत्र
अब पहले जैसा महकता नहीं...
इन आँसुओं का पलकों में छुपना,
अब उन्हें दिखता नहीं...
सोचा —
अब न सोचूं उनके बारे में...
पर ये कमबख़्त दिल
उनके ख़यालों के बिना धड़कता भी तो नहीं...


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25 JAN AT 20:25

बिखरे हैं हम इस क़दर, ए ज़िंदगी,
कि...
इस गुमान भरी दुनिया में थोड़ा यक़ीन ढूंढ रहे हैं।
अपना-बेगाना अब हम ना जाने,
अब तो ग़ैर मुल्क में हम अपना सुकून ढूंढ रहे हैं।

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6 SEP 2024 AT 7:40

वो बारिश की बूंदें चूम रही थीं इस तन्हा दिल को,
और ये कमबख़्त... किसी और के लिए अश्क बहा बैठा।

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24 AUG 2024 AT 17:02

दिलबर भी है और बेरहम भी
उनकी यादों को हम मिटाये कैसे...
कमबख्त दिलको संभालना मुश्किल है यारो
कोई तो बता दो इसे समझाए कैसे...

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23 AUG 2024 AT 10:56

वैसे तो अब कुछ न बाकी हमारे दरमिया....
बस ये जज़्बाती मन
इस बात को मानने को राज़ी नहीं...
हो गए हैं किसी और के दीवाने वो अब
फिर भी ये जाहिल दिल
किसी और को चाहने के लिए राज़ी नहीं....

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