चलकर हर कदम साथ,
मैं समा जाऊंगी तेरी बाँहों में...
तू बस हमारी मोहब्बत को सजाना....
तू कहे तो बरसूँगी भी तेरी महफ़िल में,
मगर पूछे कोई — " कौन है वो? "
तो उन्हें अपनी माशूका बताना...
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"हम टूटे दिल की दास्तान बया नहीं करते
वो तो उन्हें या... read more
तू थोड़ी धूप ही दे सही,
मैं तेरी छाया बन जाऊँ..
तू बन जा मंज़िल मेरी,
मैं तेरी राह बन जाऊँ...
अगर हो जाए तू मोहन मेरा,
तो मैं तेरी मीरा बन जाऊँ...
तू बस रोकना मुझे एक बार,
मैं बार-बार थम जाऊँ...
तू बन जाना गहरा सागर मेरा,
मैं जलधारा-सी तुझमें समा जाऊँ...-
तू थोड़ी धूप ही दे सही,
मैं तेरी छाया बन जाऊं..
तू बन जा मंज़िल मेरी,
मैं तेरी राह बन जाऊं...
अगर हो जाए तू मोहन मेरा,
तो मैं तेरी मीरा बन जाऊं...-
हर इक लफ़्ज़ में उनकी चाहत,
हर इक अश्क में उनका ज़िक्र।
है मोहब्बत तो उनसे बेइंतिहा,
मगर वो इस से अनजान, बेफ़िक्र।
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हमें इश्क है उनसे,
और वो किसी और के दीवाने हैं...
हमारे अश्क बहते हैं उन गलियों में,
जहाँ किसी और के फ़साने हैं...-
मोहब्बत का इत्र
अब पहले जैसा महकता नहीं...
इन आँसुओं का पलकों में छुपना,
अब उन्हें दिखता नहीं...
सोचा —
अब न सोचूं उनके बारे में...
पर ये कमबख़्त दिल
उनके ख़यालों के बिना धड़कता भी तो नहीं...
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बिखरे हैं हम इस क़दर, ए ज़िंदगी,
कि...
इस गुमान भरी दुनिया में थोड़ा यक़ीन ढूंढ रहे हैं।
अपना-बेगाना अब हम ना जाने,
अब तो ग़ैर मुल्क में हम अपना सुकून ढूंढ रहे हैं।
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वो बारिश की बूंदें चूम रही थीं इस तन्हा दिल को,
और ये कमबख़्त... किसी और के लिए अश्क बहा बैठा।
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दिलबर भी है और बेरहम भी
उनकी यादों को हम मिटाये कैसे...
कमबख्त दिलको संभालना मुश्किल है यारो
कोई तो बता दो इसे समझाए कैसे...-
वैसे तो अब कुछ न बाकी हमारे दरमिया....
बस ये जज़्बाती मन
इस बात को मानने को राज़ी नहीं...
हो गए हैं किसी और के दीवाने वो अब
फिर भी ये जाहिल दिल
किसी और को चाहने के लिए राज़ी नहीं....-