Kitna Mushkil Hota Hai Na Dil aur dimag ke bich Sahi ko chunna,
Dil Kahta Hai wo Chuno jo dil ke kareeb hai aur dimag Kahta Hai wo Chuno Jo Jeene Ke liye sahi hai
Dil Kahta Hai apno ke sath Waqt bitao, aur dimag Kahta Hai apnon Se Dur jakar paise kamao,
Dil Kahta Hai Jina Hai To apnon ke sath Jiyo aur dimag Kahata Hain Apna kaun hai...
Dil Kahta Hai Bus Is Pal Mein Jiyo aur dimag Kahta Hai Bhavishya Ki Chinta karo,
Ek ajeeb si jung hai dil aur dimag ke bich pata nahin Kaun galat hai kaun sahi-
फिर मेरे हिस्से में आएगा समझौता कोई
आज फिर कोई कह रहा था समझदार हो तुम-
कुछ पल अकेले में अगर बैठ जाऊं कभी
खुद से ही खुद को जो गर मिलाऊ कभी
करू बाते देख के खुद को ही आईने मे
खुद से ही जो को खुद समझाऊं कभी
छोड़ सारी चिंता जमाने की मैं
फिर से बचपन में जो गर खो जाऊं कभी
सोच के ऐसी बातों को ही सच कहूं...
थोड़ा सुकून मिलता है-
ऐसी तो नहीं थी मैं जैसी हो गई हूं
क्या कहूं खुद से कि बड़ी हो गई हूं
पहले जिन बातों पे लड़ती थी अब चुप हो जाती हूं
जिन बातों पे पूरे घर में शोर करती फिरती थी
अब खामोशी से टाल जाती हूं
जब कुछ दिल पे लग जाए तो छुप के रो लेती हूं
किसी ने देखा तो नहीं रोते हुए ये ख्याल रखने लगी हूं
ऐसी तो नहीं थी मैं जैसी हो गई हूं
क्या कहूं खुद से कि बड़ी हो गई हूं
किसे क्या अच्छा लगता है क्या नही
सबकी पसंद का ध्यान रखने लगी हूं
मेरी मर्जी बोल के कुछ भी करने वाली मैं
खुद की मर्जी भूल गई हूं
ऐसी तो नहीं थी मैं जैसी हो गई हूं
क्या कहूं खुद से कि बड़ी हो गई हूं-
मुझमें वो पहले वाली बात नही रही
शायद मैं पहले जैसी खास नही रही
खो दिया है मैने खुद को जाने किसकी तलाश में
सारा जहां है मेरा बस मैं ही मेरे पास नहीं रही-
सुनो!!!!
मुझे फिर से तुम्हे वो बात बतानी है।
तेरे मेरे इश्क की जो कहानी है।।
खुमार-ए-इश्क कुछ यूं चढ़ रही है मुझ पर
चढ़ रही जैसे कोई शराब पुरानी है।
वक्त दर वक्त कुछ यूं बढ़ रही है बेताबी...
इस दिल की हर धड़कन तुम्हे सुनानी है।
तुम तो शायद सो भी जाओ मेरे बिना मगर...
तेरे बगैर अब मुझे नींद नहीं आनी है।-
चलो संभाल लेते है बात बिगड़ने से पहले
हाथ थाम लेते है एक दूसरे का गिरने से पहले
गर साथ रहे तो जीत लेंगे हम ज़माने को
लग जाओ ना गले एक बार लड़ने से पहले— % &-