ये बारिश ,
ये लहराती हवाये और गरजते बादल
मानो कुछ कहना चाहती है ,
उन सुखे दरख़्तो से जिन्हें किसी ने
कभी सिंचा हि नहीं ,उन बेलो से जिन्हें
जगंली कहा गया , उन से कहना चाहती
है बारिश की मैं हूं तुम्हारे लिए , और सदा
रहुंगी तुम्हारे लिए।
ये बारिश
ये चमकती बिजलीया , और नाचते मोर
मानो कुछ कहना चाहती है,
उन हजारों पत्थरों से जिन्हें किसी ने
तराशा नहीं , कभी प्यार से सहलाया नहीं
उन से कहना चाहती है बारिश की मैं हूं तुम्हारे लिए,
और सदा रहुंगी तुम्हारे लिए।।
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